Khategaon : गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा में मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में भयानक आग लगने से मध्यप्रदेश के 18 मजदूरों की मौत हो गई। इनमें खातेगांव के संदलपुर के 10 मजदूर और हंडिया के 8 मजदूर शामिल है। घटना के बाद से ही परिवार में मातम पसरा हुआ है।
जानकारी के अनुसार, घटना के समय मजदूर फैक्ट्री के अंदर काम कर रहे थे। तभी अचानक फैक्ट्री में जोरदार विस्फोट हुआ। इसमें बाद आग लग गई। विस्फोट उतना भयानक था कि कई मजदूरों के अंग कई मीटर दूर तक बिखर गए। घटना में संदलपुर के 10 और हंडिया के 8 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई। इसमें 5 साल से लेकर 11 साल तक के 4 मासूम बच्चे भी शामिल हैं। परिवार सहित पूरे गांव में मौत का मातम छाया हुआ है।
देवास जिला प्रशासन मंगलवार को ही बनासकांठा (गुजरात) के लिए रवाना हो गया था। प्रशासन की टीम आज सुबह पहुंच सकती है। घटना पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने सोशल मीडिया पर दुख जताया है। वहीं पीड़ित मृतको के परिजनों से मंगलवार रात को खातेगांव विधायक आशीष भी मिलने पहुंचे। जिन्होंने परिवार को हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिलाया।
विधायक ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान से फोन पर बात की। इसी बीच जिला प्रशासन से भी स्थिति की जानकारी ली। मृतक 10 मजदूरों के शव आज शाम उनके पैतृक गांव पहुंचने की संभावना है। मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, विधायक और जिला प्रशासन सभी इस मामले में जुड़े हुए हैं। वहीं परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
राकेश के परिवार की दयनीय स्थिति
मृतक राकेश के परिवार की हालत बेहद खराब थी। उसके पिता लकवे से पीड़ित हैं। बड़े भाई संतोष को गंभीर मुंह की बीमारी है। मां का हाल ही में बड़ा ऑपरेशन हुआ था, जिसमें उनके पेट से 5 किलो की गांठ निकाली गई थी। इन सभी के इलाज के लिए परिवार ने बाजार से कर्ज लिया था।
एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत
इस हादसे में राकेश, उसकी पत्नी डाली बाई और बेटी किरण की जान चली गई। राकेश की तीन साल की बेटी नैना गंभीर रूप से घायल हो गई।
मां ने रोका, फिर भी गया कमाने
राकेश की मां शांताबाई ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को बाहर काम पर जाने से मना किया था लेकिन राकेश ने कहा कि परिवार पर कर्ज है और उसे चुकाने के लिए ज्यादा कमाई करनी होगी।
होली के बाद वापस लौटे थे मजदूर
सभी मृतक 3-4 दिन पहले ही गुजरात पहुंचे थे। इससे पहले, शायर बाई करीब डेढ़ महीने पहले अपनी बेटी राधा के साथ हरदा जिले की गुड्डी बाई के साथ गुजरात गई थी। होली पर वे संदलपुर लौट आए थे। शीतला सप्तमी के बाद वे हाटपिपल्या की पटाखा फैक्ट्री में काम करने गए और फिर 28 मार्च को गुजरात चले गए।
दूसरी बार हादसे का शिकार हुआ राकेश
विडंबना यह है कि राकेश पिछले साल हरदा की पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट से बच गया था। उस दिन वह फैक्ट्री नहीं गया था। हरदा में फैक्ट्रियां बंद होने के बाद वह हाटपिपल्या की पटाखा फैक्ट्री में काम करने लगा था।
लखन का परिवार पूरी तरह उजड़ गया
मंगलवार को गुजरात में हुए हादसे ने लखन के पूरे परिवार को खत्म कर दिया। लखन के साथ ही उसके भाई अभिषेक, दो बहनें—राधा और रुकमा, मां शायर बाई (केसर) और पत्नी सुनीता की भी मौत हो गई। घर पर सिर्फ 2 साल की बहन निशा बची है, जो इन दिनों संदलपुर में ही थी।
10 से 12 घंटे में पहुंचेंगे शव
मंगलवार को हुए हादसे के बाद शवों को बनासकांठा जिले के डीसा के अस्पताल में रखा गया था। बुधवार सुबह को देवास जिले के प्रशासनिक अधिकारियों की टीम डीसा पहुंच गई। कागजी खानापूर्ति के बाद सुबह करीब 8:30 बजे 6 एंबुलेंस में 10 शवों को लेकर अधिकारी खातेगांव के लिए रवाना हो गए हैं। डीसा से खातेगांव की दूरी करीब 650 किमी है। अनुमान है कि इन्हें खातेगांव पहुंचने में 10 से 12 घंटे लग सकते हैं। टीम में नायब तहसीलदार अखिलेश शर्मा और 3 पटवारी है।