Tirupati Balaji Temple : तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट करने का मामला अब मध्य प्रदेश के ग्वालियर तक पहुंच गया है। सीबीआई और एसआईटी ने ग्वालियर के तीन तेल और घी कारोबारियों को नोटिस जारी किया है। इन कारोबारियों के नाम को लेकर सर्च वारंट जारी किया गया है, और सीबीआई की टीम ने ग्वालियर पहुंचकर उनके प्रतिष्ठानों में दस्तावेजों की जांच की है। यह मामला अब अधिक जटिल होता जा रहा है, और जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इन कारोबारियों का क्या कनेक्शन है इस मिलावट से।
ग्वालियर में कारोबारी फर्मों की जांच
सीबीआई और एसआईटी की टीम ने ग्वालियर के दाल बाजार में स्थित तीन कारोबारी फर्मों में छापेमारी की। इनमें राकेश कुमार, अजीत कुमार और मोहित अग्रवाल की फर्म सीपी ट्रेडिंग, और मोनू अग्रवाल के संस्थान शामिल हैं। टीम ने इन कारोबारियों के प्रतिष्ठानों में सर्च वारंट दिखाकर दस्तावेजों की जांच की और कुछ रिकार्ड जब्त किए। हालांकि, इन फर्मों का इस मामले से जुड़ाव स्पष्ट नहीं हो सका है।
तीन व्यापारियों की भूमिका का खुलासा नहीं
फर्मों की जांच के दौरान, व्यापारियों ने हल्का विरोध किया, जिसके बाद इंदरगंज थाना पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस बल के सहयोग से जांच जारी रही। इस दौरान व्यापारियों के बयान भी लिए गए। फिलहाल, यह पता नहीं चल सका है कि इन फर्मों का तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद विवाद से क्या कनेक्शन है। जांच एजेंसियों ने व्यापारियों को वारंट देकर तलब किया है और आगे की जांच जारी है।
कनेक्शन का रहस्य
यह मामला एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि कैसे इन तीन ग्वालियर के व्यापारियों का नाम इस मिलावटी प्रसाद मामले में आ गया। फिलहाल, जांच एजेंसियां इन कारोबारियों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इनका संबंध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट से कैसे जुड़ता है।
कैसे शुरू हुआ यह विवाद?
बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पिछले साल सितंबर में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि मंदिर में श्रद्धालुओं को जो प्रसाद दिया जा रहा था, उसमें जानवरों की चर्बी मिलाई जा रही थी, खासकर घी में। इस मामले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की विशेष टीम गठित करने का आदेश दिया था। इस टीम में सीबीआई के अधिकारियों के साथ राज्य सरकार के अधिकारी और एफएसएसएआई से एक अधिकारी भी शामिल किए गए थे।