Dewas News : मध्य प्रदेश के देवास में खुद को एसडीएम बताकर लोगों से अवैध वसूली करने वाली एक कथित महिला बीजेपी नेत्री को पुलिस ने उसके पति के साथ गिरफ्तार किया है। यह कपल नकली अधिकारी बनकर दुकानदारों को धमकाता था और पैसों की मांग करता था।
कांटाफोड़ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों सरिता मालवीय और धीरज राठौर को धर दबोचा। एडिशनल एसपी एचएन बाथम ने बताया कि पीड़ित दुकानदार शैतान सिंह की शिकायत पर यह गिरफ्तारी हुई। आरोपी उससे 10,000 रुपए की मांग कर रहे थे, जिसमें से 5,000 रुपए वे पहले ही वसूल चुके थे।
कैसे हुआ मामले का खुलासा
नकली एसडीएम बनकर अवैध वसूली करने वाले इस दंपती की शिकायत लगातार पुलिस को मिल रही थी। लेकिन मामला तब खुला, जब फरियादी शैतान सिंह, जो कि नयापुरा घाटी में चिकन की दुकान चलाता है, ने कांटाफोड़ पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
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शिकायत में शैतान सिंह ने बताया कि एक कार में बैठकर सरिता मालवीय और धीरज राठौर उसकी दुकान पर पहुंचे। धीरज ने बताया कि गाड़ी में बैठी महिला एसडीएम हैं और दुकान में गाय का मांस बेचा जा रहा है।
दुकानदार ने सफाई दी कि वह केवल मुर्गे का मांस बेचता है और उसके पास इसका लाइसेंस भी है। लेकिन फर्जी अधिकारी बने दंपती ने उसे धमकाते हुए 10,000 रुपए की मांग की और कहा कि यदि पैसे नहीं दिए तो उसे गाय के मांस की बिक्री के झूठे मामले में फंसा दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि सरिता, भाजपा अनुसूचित मोर्चा की जिला उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। वह आष्टा से भाजपा टिकट की दावेदार भी थीं।
दुकानदार को दी धमकी, जबरन निकाले पैसे
शिकायतकर्ता ने बताया कि जब उसने पैसे देने से इनकार किया तो आरोपियों ने उसके बेटे का फोन नंबर लिया और उसे भी धमकाया। इसके बाद आरोपी धीरज राठौर ने उसकी जेब से जबरदस्ती 5,000 रुपए निकाल लिए और धमकी दी कि यदि पुलिस में शिकायत की तो उसे झूठे केस में फंसा दिया जाएगा।
पुलिस ने कैसे पकड़ा नकली एसडीएम जोड़ा
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी पुनीत गेहलोद ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। थाना प्रभारी सुरेखा निम्बोदा के नेतृत्व में एक स्पेशल पुलिस टीम बनाई गई, जिसने 4 मार्च को आरोपियों को ट्रैक कर लिया।
जैसे ही पुलिस ने दोनों को घेरा, महिला आरोपी ने फिर से अपना रौब झाड़ते हुए खुद को एसडीएम बताया, लेकिन इस बार पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी और दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
पहले भी कर चुके थे धोखाधड़ी
पुलिस जांच में पता चला है कि यह दंपती पहले भी कई जगहों पर लोगों को ठग चुका है। ये लोग फर्जी अधिकारी बनकर दुकानदारों और व्यापारियों को डराते थे और उनसे पैसे ऐंठते थे। इसके अलावा, यह भी शक जताया जा रहा है कि इन्होंने कई अन्य जिलों में भी इसी तरह की ठगी को अंजाम दिया है। पुलिस अब अन्य मामलों की भी जांच कर रही है।
गिरफ्तार दंपती के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी
नकली एसडीएम बनकर लोगों से वसूली करने वाले सरिता मालवीय और धीरज राठौर के खिलाफ धोखाधड़ी और धमकी देने की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। अब पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस गिरोह में और कौन-कौन शामिल था और क्या इनके खिलाफ पहले से कोई आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज है।