Ujjain News : उज्जैन शहर में मोहर्रम के जुलूस के दौरान हुड़दंगियों पर पुलिस ने कार्रवाई की। रविवार को जुलूस के दौरान बेगमबाग का घोड़ा लेकर कुछ लोग जबरन प्रतिबंधित मार्ग अब्दालपुरा की ओर घुस रहे थे। जुलूस में शामिल लोगों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी। इस दौरान पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर लोगों को वहां से खदेड़ा।
पुलिस ने आयोजक सहित 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालकर अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। घटनाक्रम का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। पुलिस ने बताया कि रविवार को मोहर्रम का जुलूस निकाला जा रहा था। बेगमबाग का घोड़ा लेकर आयोजक इरफान उर्फ लल्ला सहित अन्य लोग खजूरवाली मस्जिद चौराहा पहुंचे थे।
घोड़ा अब्दालपुरा की ओर ले जाने की कोशिश की
इसे निर्धारित मार्ग निकास चौराहा की ओर जाना था, मगर जुलूस में शामिल इरफान खान उर्फ लल्ला व अन्य ने घोड़ा लेकर अब्दालपुरा की ओर जाने का प्रयास किया। इस दौरान लोगों ने जबरन पुलिस के बैरिकेड्स भी तोड़ दिए। इसमें पांच पुलिसकर्मियों को चोट लगी। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठियां भांजी। इसके बाद लोग भाग निकले।
एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि मोहर्रम के जुलूस को लेकर दस दिनों में दो बार आयोजकों के साथ बैठक पुलिस कंट्रोल रूम व थाना स्तर पर की गई थी। इसमें रूट निर्धारित किए गए थे। बैठक में शामिल सभी आयोजकों के हस्ताक्षर भी करवाए गए थे। इसके बाद भी कुछ लोग निर्धारित मार्ग छोड़कर प्रतिबंधित मार्ग पर जा रहे थे।
पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर इन्हें रोका। आयोजक इरफान उर्फ लल्ला सहित 15 अन्य लोगों के खिलाफ लोक सेवक के आदेश का पालन ना करना, लोक सेवक को काम करने से रोकने को लेकर बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
ये हुए घायल
एसपी शर्मा ने बताया कि पुलिस क्षेत्र में लगे फुटेज देखकर अन्य लोगों की भी पहचान करने में जुटी है। पुलिस के बल प्रयोग में किसी आम नागरिक को चोट नहीं लगी है। बैरिकेडिंग गिरने से एएसआई तंवरसिंह केलवा, प्रधान आरक्षक मुकेश मुनिया, चंद्रपाल, अनिल सिसौदया तथा आरक्षक श्याम वरण घायल हुए हैं। सभी को अस्पताल में भर्ती किया गया।
650 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को किया था तैनात
मोहर्रम को लेकर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस काफी सतर्क थी। 650 से अधिक जवानों को तैनात किया गया था। सीसीटीवी कैमरों के अलावा ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की जा रही थी।