MP Hindi News : मध्यप्रदेश में खतरनाक रोग फिर लौट आया है। एक ही दिन में 14 मरीज पॉजीटिव मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। ग्वालियर में डेंगू के बाद अब चिकनगुनिया तेजी पकड़ रहा है। शुक्रवार को चिकनगुनिया से पीड़ित एक दर्जन से ज्यादा नए मरीज सामने आए। चिकनगुनिया पीड़ित 65 साल के सुरेन्द्र सिंह चौहान की मौत के बाद लोगों में इस बीमारी को लेकर भी डर बैठ गया है।
हालांकि चिकित्सक बोल रहे हैं कि चिकनगुनिया से जान तो नहीं जा सकती लेकिन मरीज दहशत में हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि दवा का असर कम होते ही मरीजों में चिकनगुनिया का संक्रमण दोबारा लौट रहा है।
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जेएएच में मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. संजय धवले कहते हैं, चिकनगुनिया लौटकर उभर रहा है। जब तक दवा का असर रहता है, मरीज को आराम महसूस होता है, असर कम होते ही फिर मर्ज उभर आता है। इसलिए इंफेक्शन लंबे समय तक मरीजों में दिख रहा है।
इसके मरीजों को जोड़ों पर सूजन लंबे समय तक परेशान कर रही है। चिकनगुनिया का फैक्ट ट्रीटमेंट (ठोस इलाज) नहीं है। मरीज अगर बुखार से पीड़ित है तो उसकी दवा दी जाती है। दर्द होने पर उसका इलाज होता है।
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मौसमी बुखार की आड़ में पनप रहा चिकनगुनिया
चिकित्सकों का कहना है, चिकनगुनिया की बीमारी में मरीज को बुखार आता है, जोड़ों में सूजन आने पर तेज दर्द होता है। इन दिनों मौसम भी तेजी से बदल रहा है, इसलिए ज्यादातर मरीज शुरुआत में इसे मौसमी बुखार समझ कर नजरअंदाज कर अपने हिसाब से इलाज करते हैं, इसलिए भी चिकनगुनिया के मरीजों की गिनती बढ़ रही है। इसमें लापरवाही नहीं करना चाहिए, मरीज को तत्काल जांच करानी चाहिए, जिससे शुुरुआत में ही मर्ज का इलाज हो सके।
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11 महीने में 204 मरीज हुए पीड़ित
डेंगू के साथ इस साल चिकनगुनिया भी पनपा है। जनवरी से अब तक चिकनगुनिया के कुल 204 मरीज सामने आए हैं। गजराराजा माइक्रो बायलॉजी विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को 14 लोग चिकनगुनिया पॉजीटिव आए हैं। इनमें 8 साल की बच्ची भी शामिल है।
इधर सुरेन्द्र सिंह चौहान की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग अतिरिक्त सतर्कता अपना रहा है। उनको सांस की बीमारी के अलावा हाई ब्लड प्रेशर भी था और एन्जोप्लास्टी भी हो चुकी थी। सुरेन्द्र सिंह चौहान के निधन की वजह क्या रही है, स्पष्ट नहीं कहा जा सकता। सीएमएचओ सचिन श्रीवास्तव का कहना है, सुरेन्द्र सिंह निवासी पुष्कर कॉलोनी (गोला का मंदिर) चिकनगुनिया से भी पीड़ित थे, इसलिए गोला का मंदिर और डीडीनगर में हमने सर्वे कराया।
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डॉ. मुकेश तोमर, डॉ. आरपी बंसल और हरेन्द्र सिंह पैथोलॉजिस्ट के साथ मलेरिया विभाग की टीम ने 171 घरों का सर्वे किया है, इसमें किसी भी घर में लार्वा नहीं मिला है। पुष्कर कॉलोनी में चिकनगुनिया के संभावित मरीजों की जांच के लिए भी कैंप लगेगा।