MP By-election 2024 : मध्य प्रदेश में हुए दो सीटों के उपचुनाव को लेकर मतगणना की तैयारी पूरी हो गई है। बुधनी और विजयपुर सीटों पर 13 नवंबर को मतदान हुआ था। 23 नवंबर को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे। बुधनी और विजयपुर सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही नेता अपनी जीत के दावे कर रहे हैं।
बुधनी सीट पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृहक्षेत्र है। यह सीट लंबे समय से भाजपा का गढ़ है। चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एकजुट होकर प्रचार अभियान को गति दी थी। यहां पर भाजपा प्रत्याशी के चयन को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में नाराजगी सामने आई थी, इससे पार्टी को कुछ नुकसान होने की संभावना है।
हालांकि, पार्टी के नेताओं का कहना है कि सभी ने एकजुट होकर चुनाव प्रचार किया है, नेताओं की नाराजगी को उसी समय दूर कर लिया गया था, भाजपा प्रत्याशी पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव यहां से 50 हजार वोटों से जीत दर्ज करेंगे। वहीं, कांग्रेस नेता भी अपने प्रत्याशी पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल की जीत के दावे कर रहे हैं।
वहीं, कांग्रेस ने भी इस बार किरार समाज से आने वाले राजकुमार पटेल पर दांव खेला है। कांग्रेस नेता भी उनकी पांच हजार वोटों से जीत का दावा कर रहे हैं। बता दें, सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा सीट पर इस बार मतदान पिछले चुनावों के मुकाबले गिरकर 76% रह गया, जबकि 2023 में यह 82% हुआ था।
विजयपुर में कांटे की टक्कर, कांग्रेस की कड़ी चुनौती
विजयपुर सीट पर स्थिति दिलचस्प बनी हुई है। एग्जिट पोल के मुताबिक, यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है। भाजपा ने वन मंत्री रामनिवास रावत को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने आदिवासी वर्ग से आने वाले मुकेश मल्होत्रा को मैदान में उतारा है। मतदान के दिन खाड़ी गांव में मतदान केंद्र पर आदिवासी मतदाताओं ने अपनी शिकायतों को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया था।
उनका कहना था कि दबंगों ने उन्हें डरा-धमकाकर मतदान से रोकने की कोशिश की। विजयपुर उपचुनाव के दौरान हिंसा और विवादों ने चुनावी प्रक्रिया को सुर्खियों में रखा। इस सीट को जीतने के लिए दोनों ही पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस ने भी हर स्तर पर मजबूत प्रचार अभियान चलाया। विजयपुर में जातीय समीकरण और चुनाव के दौरान हुई हिंसा के चलते वोटों का बंटवारा रोचक रहेगा। यहां पर भी दोनों ही दल अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं।
आदिवासी वोट बंटा तो भाजपा का लाभ
वरिष्ठ पत्रकार प्रभु पटैरिया का कहना है कि बुधनी शिवराज सिंह के प्रभाव वाली भाजपा की सीट है। किरार उम्मीदवार उतारकर कांग्रेस ने चुनाव को रोचक बनाने की पूरी कोशिश की है। 2023 के मुकाबला भाजपा की लीड घट सकती है। यहां भाजपा के जीतने की संभावना है। वहीं, विजयपुर में कांटे का मुकाबला है।
हालांकि, चुनाव प्रबंधन के माहिर नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने हाथ में कमान रखी। यहां पर आदिवासी समीकरण असर डालता दिखाई दे रहा है। कांग्रेस उम्मीदवार के खुद के पिछले चुनाव के 42 हजार वोट हैं। यह ज्यादातर आदिवासी वर्ग के वोट हैं। अब आदिवासी वर्ग का वोट बंटा तो भाजपा की जीत होगी और यदि एकतरफा गिरा तो कांग्रेस उम्मीदवार जीत सकता है।