MP News : मध्य प्रदेश में भाजपा के 56 संगठनात्मक जिलों में अध्यक्षों की घोषणा के बाद अब प्रदेश के नए अध्यक्ष के चुनाव पर सभी की नजरें हैं। जिला अध्यक्षों के बाद अब प्रदेश परिषद के सदस्य भी चुने जाएंगे। दो विधानसभा क्षेत्र पर एक क्लस्टर बनाकर प्रदेश परिषद का सदस्य चुना जाएगा। कुल 345 प्रदेश परिषद सदस्यों के चयन में महिला, एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग का भी ध्यान रखा जाएगा।
प्रदेश परिषद के सदस्य नया प्रदेश अध्यक्ष चुनेंगे। मध्य प्रदेश में अधिकतर बार सर्वसम्मति से ही प्रदेश अध्यक्ष चुना गया है। अपवाद के रूप में केवल दो बार संगठन चुनाव में मतदान की स्थिति बनी है। पहली बार 1990 के दशक में पार्टी द्वारा प्रदेश अध्यक्ष के लिए तय प्रत्याशी लखीराम अग्रवाल के विरुद्ध पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी संगठन चुनाव में खड़े हुए थे।
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दूसरी बार वर्ष 2000 में शिवराज सिंह चौहान और विक्रम वर्मा के बीच प्रदेश अध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ था। इसमें विक्रम वर्मा ने शिवराज सिंह चौहान को हरा दिया था। इसी तरह प्रदेश में जितनी विधानसभा सीट एससी या एसटी के लिए आरक्षित हैं, उतनी संख्या में उसी वर्ग के सदस्य प्रदेश परिषद के लिए चुने जाएंगे।
इसके अलावा सभी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष और महामंत्री, मोर्चा प्रकोष्ठ के अध्यक्षों में से प्रदेश परिषद के सदस्यों का निर्वाचन किया जाएगा। प्रदेश परिषद के 20 सदस्यों के प्रस्ताव पर प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन किया जाएगा।