Naresh Meena : राजस्थान के टोंक जिले के समरावता गांव में बुधवार को हुई हिंसा के बाद गुरुवार को भी इलाके में तनाव का माहौल कायम है. आरोपी विधायक प्रत्याशी नरेश मीणा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस गिरफ्तारी के विरोध में नरेश मीणा के समर्थकों ने समरावता गांव के बाहर स्टेट हाईवे पर आगजनी की. नरेश मीणा के समर्थकों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. बुधवार को एसडीएम अमित चौधरी को नरेश मीणा ने थप्पड़ जड़ दिया था, जिसके बाद पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया था. इसके विरोध में रात में समरावता गांव में हिंसा भड़क उठी. उपद्रवियों ने 100 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया.
एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने की घटना को लेकर आरएएस एसोसिएशन में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है. घटना के विरोध में RAS एसोसिएशन ने प्रदेश भर में पेन डाउन का ऐलान किया है. यह एक तरीके से हड़ताल जैसा ही होगा, मतलब कि अफसर अपने कार्यालय में तो बैठेंगे, लेकिन कामकाज नहीं करेंगे. आरएएस अधिकारियों के समर्थन में मंत्रालयिक कर्मचारी संघ ग्राम विकास अधिकारी, तहसीलदार संघ कानूनगो कर्मचारी संघ के साथ सरपंच संघ ने भी हड़ताल का समर्थन करने की घोषणा की है.
जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
बाड़मेर में RAS एसोसिएशन से जुड़े लोगों नेजिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा. आरोपी के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई नहीं होने तक पेन डाउन जारी रखने की चेतावनी दी है. गुरुवार को जोधपुर संभागीय आयुक्त का बाड़मेर दौरा है. इस दौरान संभागीय आयुक्त बाड़मेर में ब्लॉक स्तरीय जनसुनवाई में आमजन से रूबरू होने का कार्यक्रम है. ऐसे में आरएएस अधिकारियों ने इस जनसुनवाई में उपस्थित नहीं होने का फैसला लिया है.
आइए जानते हैं पूरा मामला?
राजस्थान में 13 नवंबर को जिन सात विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई, उनमें देवल उनियारा सीट भी शामिल है. इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा भी चुनाव लड़ रहे हैं. देवल उनियारा विधानसभा क्षेत्र में समरावता गांव आता है. यहां के लोगों ने मतदान बहिष्कार का निर्णय लिया था. जैसे ही यह खबर एसडीएम अमित चौधरी को लगी, वह गांव पहुंचे और गांववालों को समझाने लगे. इस पर नरेश मीणा भी वहां पहुंच गए और एसडीएम अमित चौधरी से उलझ गए. इस दौरान नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया.
नरेश मीणा ने लगाए आरोप
नरेश मीणा का आरोप था कि ईवीएम पर बना उनका सिंबल धुंधला था. वहीं, आरोप लगाया कि पोलिंग बूथ पर तीन लोगों से फर्जी वोटिंग कराई गई. इसके बाद मामला बिगड़ गया. बुधवार रात को उपद्रवियों ने पुलिस को निशाना बनाते हुए पथराव और आगजनी की.वहीं, इस मामले में पुलिस ने नरेश मीणा को अरेस्ट कर लिया है. नरेश मीणा ने पुलिस पर हमला की बात स्वीकार करते हुए कहा कि हां मैंने मैंने मारा था, इसलिए मारा था, क्योंकि एसडीएम बीजेपी का एजेंट था, वो पूरे इलाके में मुझे हराने का प्रयास कर रहा था. नरेश मीणा की दलील है कि जब प्रशासन बात नहीं सुनेगा तो थप्पड़ मारना मजबूरी हो जाता है. नरेश मीणा ने कहा कि वो पुलिस हिरासत से नहीं भागे थे और वो कभी फरार नहीं हुए.
नरेश मीणा की गिरफ्तारी के लिए गांव पहुंची थी भारी फोर्स
राजस्थान के टोंक में एसडीएम को थप्पड़ मारने वाले नरेश मीणा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. टोंक के एसपी भारी पुलिस फोर्स के साथ नरेश मीणा को गिरफ्तार करने उसी गांव में पहुंचे थे, जहां मीणा अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठे थे. हालांकि इस दौरान नरेश मीणा सरेंडर करने से मना करते रहे थे. वो कह रहे थे कि जबतक उनकी शर्त नहीं मानी जाती तब तक वो सरेंडर नहीं करेंगे, हालांकि पुलिस ने मीडिया के सामने ही नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया.
नरेश मीणा ने की थी ये मांग
मीणा ने कहा कि एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद मैंने मांग की थी कि कलेक्टर यहां आएं, लेकिन कलेक्टर नहीं आईं. वो हाथों में मेहंदी लगाकर बैठी थीं. इसी मांग को लेकर मैं धरने पर बैठा था, लेकिन मेरे लिए खाना और गद्दा आ रहे थे उन्हें भी पुलिस ने नहीं आने दिया और फिर मेरे समर्थकों पर लाठीचार्ज किया गया. मुझ पर मिर्ची बम से हमला किया, जिसमें मैं बेहोश हो गया और फिर मेरे साथी मुझे लेकर पांच किलोमीटर दूर किसी घर में छिपा दिया. मैंने कहा कि एसपी यहां आएं और मेरी गिरफ्तारी करें. लेकिन एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की जाए.