MP News : मध्य प्रदेश में चल रहे अधोसंरचना विकास के काम को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले दिन पंख लग गए। प्रदेश में सड़क परियोजनाओं पर आने वाले पांच वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा। इससे इंदौर-भोपाल, भोपाल-जबलपुर ग्रीनफील्ड हाई स्पीड कारिडोर बनाया जाएगा।
साथ ही प्रयागराज-जबलपुर-नागपुर एक्सप्रेस वे, लखनादौन-रायपुर एक्सप्रेस वे, आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय राजमार्ग, उज्जैन-झालावाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग, इंदौर रिंग रोड (पश्चिमी और पूर्वी बायपास), जबलपुर-दमोह राष्ट्रीय राजमार्ग, सतना-चित्रकूट राष्ट्रीय राजमार्ग, रीवा-सिद्धी राष्ट्रीय राजमार्ग और ग्वालियर शहर के पश्चिमी छोर पर फोर लेन बायपास सहित कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं का विकास किया जाएगा।
अनुबंध पर किए हस्ताक्षर
इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) और मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) के बीच मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव और लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह की उपस्थिति में अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है।
4,010 किमी लंबा हाई स्पीड कारिडोर
इसी कड़ी में जीआइएस में हाई स्पीड कारिडोर एवं एक्सप्रेस वे के निर्बाध निर्माण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अनुबंध पर एनएचएआइ की ओर से क्षेत्रीय अधिकारी एसके सिंह और एमपीआरडीसी की ओर से प्रबंध संचालक भरत यादव ने हस्ताक्षर किए।
इससे लगभग 4,010 किलोमीटर लंबे हाई स्पीड कारिडोर, एक्सेस कंट्रोल, छह लेन, एग्जिस्टिंग रोड का निर्माण होगा। इस दौरान मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहा कि एनएचएआइ की निर्माण परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
वहीं, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि एनएचएआइ पांच वर्षों में लगभग 60 हजार करोड़ रुपये के काम करेगा। प्रयास होगा कि शेष 40 हजार करोड़ के काम भी इन पांच वर्षों में प्रारंभ हो जाएं। इस अनुबंध के कारण मुख्यमंत्री के नेतृत्व में 2037 तक होने वाले निर्माण कार्य आगामी पांच वर्षों में ही पूरे हो सकेंगे और ऐसा करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य होगा।
पांच वषों में लगभग 60 हजार करोड़ का काम
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के नेतृत्व में एनएचएआइ पांच वषों में लगभग 60 हजार करोड़ के कार्य करेगा।
प्रयास होगा कि शेष 40 हजार करोड़ के कार्य भी इन पांच वर्षों में प्रारंभ हो जाएं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत 2047 के अंतर्गत देश में हाई स्पीड कारिडोर का निर्माण 2037 तक होना है।