Modi Government : दीवाली से पहले मोदी सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. केंद्र सरकार ने बुधवार (1 अक्तूबर 2025) को रबी फसलों का एमएसपी बढ़ाने का फैसला किया है. इसके लिए सरकार ने 84,263 करोड़ रुपया जारी करने का ऐलान किया है. यह पैकेज 6 साल के लिए होगा. इसके अलावा दलहन की फसलों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने 11,440 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी है.
गेहूं का MSP बढ़ाया गया
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2026-27 सत्र के लिये गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 6.59 फीसदी बढ़ाकर 2,585 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है. 2025-26 के लिए गेहूं का एमएसपी 2,425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया था. इस तरह गेहूं के एमएसपी में इस साल 160 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है.
गेहूं रबी सत्र की मुख्य फसल है जिसकी बुवाई अक्टूबर के अंत से शुरू होती है और मार्च से कटाई होने लगती है. अन्य रबी फसलों में ज्वार, जौ, चना और मसूर शामिल हैं. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रबी सत्र की फसलों के लिए एमएसपी का निर्धारण कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर किया गया है.
सरकार ने 2025-26 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के लिये 11.9 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा है. 2024-25 में इसका अनुमानित उत्पादन 11.75 करोड़ टन रहा, जो अब तक का रिकॉर्ड है. इसके अलावा जौ का एमएसपी 2150 रुपये/क्विंटल, चना का 5875 रुपये/क्विंटल, सरसों का 6200/क्विंटल किया गया है.
दलहन की खेती को बढ़ावा देने पर सरकार का फोकस
केंद्र सरकार दलहन-तिलहन की खेती को बढ़ावा देने पर फोकस कर रही है. इसके लिए सरकार ने 11,440 करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है. यह मिशन 6 सालों तक चलेग, जिसके तहत दाल की पैदावार को बढ़ाकर हर साल 350 लाख मीट्रिक टन करने का लक्ष्य रखा गया है. तूर, उड़द और मसूर की दाल को 100 फीसदी खरीद की जाएगी.
कैबिनेट के फैसलों पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “रबी सीजन की MSP बढ़ाने से कुल 84263 करोड़ रुपये हमारे किसानों भाइयों के मेहनत के इसमें जाएंगे. रबी सीजन 2026-27 के दौरान अनुमानित खरीद 297 लाख मीट्रिक टन होने की संभावना है और प्रस्तावित एमएसपी पर किसानों को भुगतान की जाने वाली राशि 84,263 करोड़ रुपये है.”
57 नये केंद्रीय विद्यालय को मंजूरी
साथ ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि मंत्रिमंडल ने 57 नये केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए मंजूरी दे दी है. उन्होंने बताया कि इन 57 नये केंद्रीय विद्यालयों में से 7 केंद्रीय गृह मंत्रालय और बाकि राज्य सरकारों द्वारा प्रायोजित किए जाएंगे. अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि वर्तमान में 1,288 केंद्रीय विद्यालय हैं।
केंद्र ने दिवाली और दशहरा से पहले केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 3 परसेंट की बढ़ोतरी कर दी है। यह इजाफा एक जुलाई से लागू होगा। कर्मचारियों को 3 महीने का एरियर मिलेगा। यह फैसला बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में लिया गया। अब कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 55% से बढ़कर 58% हो जाएगा। इसका लाभ 49.2 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 68.7 लाख पेंशनर्स को मिलेगा। इससे केंद्र सरकार के खजाने पर 10,084 करोड़ रुपए का भार आएगा।
6 महीने पहले 2% महंगाई भत्ता बढ़ाया था
मार्च महीने में महंगाई भत्ते में 2% की बढ़ोतरी की गई थी। तब यह 7 साल में सबसे कम इजाफा था। आमतौर पर महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी 3% से 4% के बीच होती है, लेकिन उस वक्त बढ़ोतरी सिर्फ 2% की गई थी।
महंगाई से निपटने के लिए दिया जाता है DA
महंगाई बढ़ने के बावजूद सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के जीवन स्तर को बनाए रखने के लिए महंगाई भत्ता यानी, DA दिया जाता है। DA की दरें ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) के आधार पर तय होती हैं, और यह हर 6 महीने में अपडेट होती है।
ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स क्या है?
भारत में दो तरह की महंगाई होती है। एक रिटेल यानी खुदरा और दूसरा थोक महंगाई। रिटेल महंगाई दर आम ग्राहकों की तरफ से दी जाने वाली कीमतों पर आधारित होती है। इसको कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) भी कहते हैं।
दालों में आत्मनिर्भर बनने की योजना
दालों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 11,440 करोड़ रुपए की योजना का एलान। 6 साल में पूरी तरह लागू होगा। पीएम आशा गारंटी योजना के तहत MSP दालों की सरकारी खरीद के लिए लिमिट को 45,000 करोड़ से बढ़ाकर 60,000 करोड़ रुपए किया गया है।
नेशनल हाईवे-715 के चौड़ीकरण योजना को मंजूरी
कैबिनेट ने NH-715 पर कालिाबोर-नुमालीगढ़ के बीच 86 किलोमीटर लंबे रास्ते को फोर-लेन बनाने की मंजूरी दी। ये हाईवे तेजपुर और झांजी को जोड़ता है। फिलहाल, इस पर कुछ दूरी दो लेन की है। इस पर 6,967 करोड़ रुपए खर्च आएगा।
बायोमेडिकल रिसर्च प्रोग्राम को बढ़ावा
बायोमेडिकल रिसर्च करियर प्रोग्राम के तीसरे फेज को भी मंजूरी मिली है, जिसपर 1,500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। पहले दो फेज पूरे हो चुके। जिस पर सरकार ने कुल 2,388 करोड़ रुपए खर्च किए थे और 721 अनुदान जारी किए थे। थर्ड फेज के तहत 401 रिसर्चर को 6 साल तक सपोर्ट। इसमें 192 रिसर्च फेलोशिप, 106 अनुदान और 103 रिसर्च मैनेजमेंट शामिल है।