Global Herald : इंदौर से प्रकाशित होने वाले अखबार ‘ग्लोबल हेराल्ड’ के मालिक विष्णु गोयल 16 करोड़ रुपए की बड़ी जीएसटी चोरी के मामले में फंस गए हैं। इस मामले में उनके बेटे रवि गोयल को डायरेक्टोरेट ऑफ़ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) ने गिरफ्तार कर लिया है और फिलहाल वो रिमांड पर हैं।
दो CA भी जांच के घेरे में
इस हाई-प्रोफाइल मामले में दो चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) भी जांच के घेरे में आ गए हैं। आरोप है कि गोयल पिता-पुत्र ने फर्जी कंपनियों का जाल बिछाकर इस बड़े टैक्स चोरी को अंजाम दिया।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा?
DGGI ने बताया कि जून 2023 में उन्हें एक गुप्त सूचना मिली थी। इस सूचना में बताया गया था कि इंदौर स्थित मेसर्स श्रीनाथ एग्रो इंटरप्राइजेज नामक कंपनी फर्जी और मनगढ़ंत दस्तावेज बनाकर बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी कर रही है।
13 जून 2023 को जब DGGI ने इस कंपनी के ठिकाने पर छापा मारा, तो वहां सिर्फ एक किराने की दुकान मिली। दुकान के प्रोपराइटर राजेश गोयल को जब अधिकारियों ने पकड़ा, तो उन्होंने खुलासा किया कि पूरा काम रवि गोयल ही संभालता है।
राजेश ने यह भी बताया कि जीएसटी इनवॉइस रवि गोयल द्वारा बनाए गए थे और इसमें सीए एसएन (सत्यनारायण) गोयल और सीए आयुष गुप्ता ने उनकी मदद की थी।
विभाग की शुरुआती जांच में ही यह साफ हो गया कि कागजों पर करोड़ों का व्यापार दिखाया गया था, लेकिन असल में किसी भी तरह के माल की खरीद-बिक्री नहीं हुई थी – सब कुछ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किया गया था।
16 करोड़ की फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का खेल
DGGI की आगे की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पता चला कि श्रीनाथ एग्रो द्वारा जारी किए गए फर्जी इनवॉइस का इस्तेमाल एमएस अल्फाविजन ओवरसीज और एमएस अल्फाविजन फाइबर्स जैसी कंपनियों ने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लेने के लिए किया।
यह फर्जी ITC की रकम 16 करोड़ रुपए थी। इस तरह, फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर सरकार को 16 करोड़ रुपए के राजस्व का चूना लगाया गया। खास बात यह है कि ये दोनों कंपनियां – अल्फाविजन ओवरसीज और अल्फाविजन फाइबर्स – रवि गोयल और उनके पिता विष्णु गोयल द्वारा ही संचालित की जाती हैं।
जांच में यह भी सामने आया है कि ये कंपनियां आपस में जुड़ी हुई हैं, और इनके जीएसटी रिटर्न एक ही आईपी एड्रेस से भरे गए थे, जिससे यह साबित होता है कि यह एक सुनियोजित घोटाला था। DGGI के अनुसार, रवि गोयल इस पूरे फर्जीवाड़े का मुख्य ‘आदतन अपराधी’ है, जिसमें विष्णु गोयल, सीए एसएन गोयल और सीए अंशुल गुप्ता भी शामिल हैं।
गोयल की दलील और कोर्ट का फैसला
हालांकि, इस मामले में रवि गोयल ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में जवाब देते हुए आरोपों को झूठा बताया। उन्होंने दावा किया कि यह पूरा केस श्रीनाथ कंपनी के राजेश गोयल के बयान पर आधारित है, जिसे बाद में राजेश ने वापस भी ले लिया था।
रवि गोयल ने DGGI और विभाग पर दबाव डालने, मारपीट करने और मोबाइल छीनने का भी आरोप लगाया। लेकिन, कोर्ट ने रवि गोयल की जमानत याचिका नामंजूर कर दी और DGGI को उनकी रिमांड दे दी, जिससे यह संकेत मिलता है कि विभाग के पास ठोस सबूत हैं।
राजनीतिक हस्तियों से संबंध
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद विष्णु गोयल के प्रोफाइल पर मौजूद तस्वीरें भी चर्चा का विषय बन गई हैं। इन तस्वीरों में वे कई बड़ी राजनीतिक हस्तियों के साथ दिखाई देते हैं, जिनमें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी शामिल हैं।
हाल ही में उज्जैन में हुई रीजनल कॉन्क्लेव में भी विष्णु गोयल और उनके बेटे रवि गोयल ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ वन-टू-वन चर्चा कर निवेश की बात रखी थी। इन मौकों पर उन्होंने तस्वीरें खिंचवाईं और उन्हें अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर अपलोड किया, जिससे उनके रसूख का अंदाजा लगाया जा सकता है।