Barwani : मध्यप्रदेश के बड़वानी के लिंबई गांव में अज्ञात जानवर के हमले से छह लोगों की मौत से दहशत का माहौल है। आलम ये है कि शाम 7 बजे के बाद लोगों ने अपने घरों से निकलना बंद कर दिया है। एक परिवार ने तो गांव ही छोड़ दिया।
3500 की आबादी वाले लिंबई गांव में दिन में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। गांववाले दावा कर रहे हैं कि 5 मई को 17 लोगों को किसी अज्ञात जानवर ने काटा था। इनमें से अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी हैं।
अज्ञात जानवर की तलाश में सरकार की तरफ से उड़ाए गए ड्रोन, कैमरे और पिंजरे नाकाम हो गए हैं। अपने परिवार सहित पूरे गांव पर आई विपदा टालने के लिए महिलाएं पूजा-पाठ में लगी हैं तो गांव के मंदिर में यज्ञ भी हो चुका है।
राजपुर मुख्यालय से 7 किलोमीटर दूर नरावला तालाब के आगे स्थित लिंबई में भैरव घाट पर सरपंच प्रतिनिधि और ग्रामीण दिखे। यहीं आसपास दो लोगों को अज्ञात जानवर ने निशाना बनाया था।
लिंबई के सरपंच पति राकेश जमरे के अनुसार, हमले में 17 लोग और 5 पशु घायल हुए थे। अब तक 6 लोग और 4 पशुओं की मौत हो चुकी है। जानवर ने सभी के मुंह पर हमला किया। ये हमले 5 मई की सुबह 4 से 6 बजे के बीच लिंबई और भैरव घाट क्षेत्र में एक के बाद एक हुए।
लिंबई के झेतरिया फलिया के रहने वाले लल्लू अवास्या ने बताया कि उनका घर लिंबई गांव से करीब डेढ़ किमी दूर है। 5 मई को वे अपनी पत्नी और बेटे के साथ घर के बाहर सोऐ थे। बेटा केटरिंग का काम करता है। रात में राजपुर में शादी समारोह में काम कर 2 बजे लौटा था। वो भी बाहर खाट बिछाकर सो गया।
सुबह करीब 6 बजे अज्ञात जानवर ने उनके बेटे के मुंह और हाथ पर दांत गढ़ा दिए। बेटा उठता, इससे पहले जानवर भाग चुका था। अस्पताल ले जाकर टांके लगाने पड़े। अब बेटा स्वस्थ्य तो है, लेकिन डर के चलते किसी से मिलने से कतराने लगा है।
रहवासी सुमेर सिंह ने बताया, एक एक अज्ञात जानवर ने 5 मई को घर के बाहर सोए हुए व्यक्ति और पशुओं को निशाना बनाया था। शाम 7 बजे दिन ढलते ही लोग घरों में दुबकने लगे हैं। वहीं, खेतों में सिंचाई लाइन रात में 10 से 2 बजे तक आती है, लेकिन डर के चलते लोग खेतों में नहीं जा पा रहे हैं।
बेटा बोला- पिताजी घर के बाहर सोए थे
मृतक मंशाराम के बेटे प्रवीण बघेल ने बताया कि दो साल से हम मजदूरी के लिए लिंबई गांव के बाहर भैरव मंदिर के सामने झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। हमले के दिन पास में निवासरत मामा के लड़के की शादी थी, जिसमें मेहमान आए हुए थे। उनका और हमारा परिवार बाहर ही सोया हुआ था। सुबह पिता पर हमला हुआ। इसके बाद राजपुर में इलाज कराया।
प्रवीण ने बताया, हमले के बाद से लगातार दर्द बना रहा। मुंह से झाग निकल रहा था। 23 मई को बड़वानी ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गई। अब पूरा परिवार गांव छोड़ ओझर चला गया है। जानवर का आतंक खत्म होगा तभी परिवार लौटेगा। मेरे मामा के लड़के बलिराम पर भी जानवर ने हमला किया था।
निचले हिस्से ने काम करना बंद किया
मृतक चैनसिंह के बेटे अश्विन निगवाल ने बताया, हमले के दिन पिताजी बाहर सो रहे थे। शोर मचाने पर हम पहुंचे, लेकिन जानवर भाग गया था। जानवर के हमले से पिताजी के दोनों पैर लहूलुहान हो गए थे। हमले के बाद उनकी तबीयत ठीक नहीं हुई। निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया। दर्द के साथ मुंह से झाग निकलता था। 1 जून को पिता की मौत हो गई। वहीं, रायकीबाई के भी मुंह से झाग निकलने की बात उसके बेटे ने कही।
वन मंडल अधिकारी आशिष बंसोड ने बताया…
मृतक के परिजनों को 8-8 लाख रुपए की राशि जारी की है। सुरक्षा के लिए बड़वानी से अन्य दल बुलाकर 24 घंटे गांव में 35 जवान गश्त कर रहे हैं, जिन्हें अब तक न जानवर दिखा है न किसी का शव मिला है। ग्रामीणों के अनुसार जहां जानवर की चहल-पहल हो रही है उन लोकेशन पर 4 कैमरे लगाए हैं। उस दिन हमले के बाद से कोई हमला नहीं हुआ है। पागल कुत्ते के काटने पर वह कुछ ही दिन में मर जाता है।
आशंका लकड़बग्घे की, दिल्ली भेजे सैंपल
सीएमएचओ डॉ. सुरेखा जमरे ने बताया, मेडिकल कॉलेज की टीम आई थी। उन्होंने मरीजों की जांच की। रेबीज के टीके का असर लकड़बग्घे पर नहीं होता है। जिस जानवर ने हमला किया है, वह लकड़बग्घा हो सकता है। अब तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आई है, जिससे कुछ जानकारी मिल सके।
बलिराम की लार और एक अन्य मृतक के ब्रेन टिश्यू को महाराष्ट्र के पुणे स्थित लैब भेजा गया है। वैक्सीन के नमूनों को जांच के लिए हिमाचल प्रदेश के कसौली स्थित नेशनल ड्रग लैबोरेट्री भेजा जा रहा है।
वैक्सीन का चौथा डोज भी लगा
राजपुर के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर देवेंद्र रोमडे ने बताया, 3 जून को दस में से आठ लोगों को वैक्सीन का चौथा डोज दे दिया गया। इसमें चैन सिंह मंगिया ने वैक्सीन लगवाने से मना कर दिया, जबकि महेश जय सिंह ट्रेस नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा एक अन्य राजेश, जिसे गायब हो जाने के चलते तीसरी डोज नहीं लग पाई थी, उसे भी वैक्सीन लगाई गई।
विपदा से बचाव के लिए किया यज्ञ
दो दिन पहले यहां गांव को विपदा से बचाने मंदिर पर यज्ञ कराया गया। पंडित हरिओम, कुणाल, महेंद्र और देवेंद्र ने बताया कि 6 मौतों के बाद ग्रामीण काफी डरे हुए हैं। विपदा से बचाव और मृत्यु की आत्मा की शांति के लिए यज्ञ आयोजित किया गया है, जो बीती रात तक चला।
मनावर विधायक ने सीएम को लिखा पत्र
आदिवासी नेता और मनावर विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में प्रशासनिक, चिकित्सकीय और वन अमले की लापरवाही की जांच कर कार्रवाई कराए जाने, मृतकों के परिवार को 50-50 लाख और घायलों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा और एमवाय हॉस्पिटल की विशेषज्ञ कमेटी गठित करने की मांग की है।