चीनी वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का पता लगाया है। यह चमगादड़ों से इंसानों में फैल सकता है। इस नए स्ट्रेन का नाम है, एचकेयू-5-CoV-2। कोरोना वायरस के कुछ ही स्ट्रेन इंसानों को संक्रमित कर सकते हैं। इनमें से एक एचकेयू-5 है। यह जानकारी साइंटिफिक जर्नल ‘Cell’ में पब्लिश एक स्टडी में सामने आई है।
इस वायरस के संक्रमण का तरीका कोविड-19 जैसा ही है। इसलिए लोग डर रहे हैं कि कहीं ये भी दुनिया में नई महामारी की वजह न बन जाए। इसलिए वैज्ञानिक कह रहे हैं कि हमें सतर्क रहना होगा और कोरोना के प्रकोप के लिए तैयार रहना होगा।
भारत चीन का पड़ोसी देश है और दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही भी खूब होती है। कोविड-19 के प्रकोप के दौरान भी भारत को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा था। अब यही डर नए स्ट्रेन एचकेयू-5 को लेकर भी है।
Also Read – मध्यप्रदेश के इन शहरों में बनेंगे रिंग रोड, जानिए सरकार का प्लान
एचकेयू-5-CoV-2 एक प्रकार का कोरोना वायरस है जो सार्स-CoV-2 से थोड़ा ही अलग है.एचकेयू-5-CoV-2 में सार्स-CoV-2 की तुलना में कुछ अलग जीन हैं, लेकिन यह एक तरीके से कोरोना वायरस का ही एक स्ट्रेन है. यह कोई नया वायरस नहीं है. इसके लक्षण कोरोना की तुलना में कम गंभीर हैं.
एचकेयू-5-CoV-2 के लिए प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया कोविड की तुलना में अलग हो सकती है, चूंकि ये कोविड का ही स्ट्रेन है ऐसे में इसके लक्षण कुछ हद तक कोविड जैसे ही होने की आशंका है. यह वायरस भी कोविड की तरह ही ACE2 रिसेप्टर के जरिए इंसानों को सेल्स में जाता है.
क्या कोरोना की तरह फेल सकता है एचकेयू-5-CoV-2 ?
महामारी विशेषज्ञ डॉ जुगल किशोर बताते हैं कि एचकेयू-5-CoV-2 के अभी तक इंसानी संक्रमण के मामले नहीं आए है. इस वायरस की सिर्फ पहचान हुई है. दुनियाभर में वैज्ञानिक वायरसों के बारे में पता लगाते रहते हैं. उसी कम्र में इस वायरस की भी पहचान हुई है. चूंकि ये कोविड का ही स्ट्रेन है तो ऐसे में पैनिक होने की जरूरत नहीं है.
कोरोना वायरस को पांच साल का समय बीत गया है. इस वायरस के खिलाफ लोगों में इम्यूनिटी है. ऐसे में कोविड की किसी भी स्ट्रेन के तेजी से फैलने की आशंका नहीं है, लेकिन फिर भी वायरस पर नजर रखनी होगी और अगर किसी इलाके में फ्लू के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है तो वहां इस वायरस की जांच करनी होगी.
डॉ किशोर कहते हैं कि कोविड का ही यह नया स्ट्रेन है तो इसके फैलने का तरीका भी वैसा ही हो सकता है. यह संक्रमित जानवर जैसे चमगादड़ और संक्रमित इंसानों के खांसने या छींकने से फैल सकता है।