Wakf Bill : वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा और राज्यसभा से पास हो गया है. इसी बीच कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. उन्होंने विधेयक को चुनौती देते हुए न्यायालय में याचिका दायर की है. मोहम्मद जावेद बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद हैं. मोहम्मद जावेद वक्फ को लेकर बनीं जेपीसी के सदस्य भी रहे हैं.
याचिका में कहा गया है कि ये बिल मुसलमानों के अधिकारों के साथ भेदभाव करने वाला है. इसके साथ ही ये संशोधन विधेयक संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत समानता के अधिकार, अनुच्छेद 25 और 26 के तहत धर्म और धार्मिक गतिविधियों के पालन और प्रबंधन का अधिकार, अनुच्छेद 29 में दिए गए अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा का हनन करता है.
संसद के दोनों सदनों से वक्फ संशोधन विधेयक पर मुहर लगने के साथ ही विपक्षी पार्टियों में आक्रोश है. कांग्रेस के अलावा अभिनेता-राजनेता विजय के नेतृत्व वाली तमिलगा वेत्री कझगम ने चेन्नई में वक्फ विधेयक के खिलाफ राज्यव्यापी प्रदर्शन किया और इसे वापस लेने की मांग की.
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टीवी के ने की नारेबाजी
टीवीके महासचिव एन आनंद के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक के खिलाफ नारे लगाए. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि केंद्र को वक्फ संपत्तियों से संबंधित मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और विधेयक के पारित होने से केंद्र सरकार “वक्फ संपत्तियों के लिए खतरा” बन गई है.
प्रदर्शनकारियों ने ‘अल्पसंख्यकों के साथ विश्वासघात न करें’ सरीखे नारे लगाए. मदुरै, कोयंबटूर, तिरुचिरापल्ली, थूथुकुडी और तंजावुर में टीवीके ने विरोध प्रदर्शन किया. विजय ने भी वक्फ विधेयक को लोकतंत्र विरोधी करार दिया और मांग की कि इसे वापस लिया जाए. उन्होंने कहा कि अगर ये मांग पूरी नहीं हुई, तो उनकी पार्टी मुसलमानों के साथ मिलकर उनके “वक्फ अधिकारों के कानूनी संघर्ष” में शामिल होगी.
कोलकाता में अल्पसंख्यक समुदाय का प्रदर्शन
उधर, अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने कोलकाता के पार्क सर्कस क्रॉसिंग पर विरोध प्रदर्शन किया और वक्फ (संशोधन) विधेयक-2025 को तत्काल वापस लेने की मांग की. इसके विरोध में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे, जिसमें कई अल्पसंख्यक संगठन भी शामिल हुए.
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह विधेयक देश को विभाजित करने की भाजपा की चाल है. उन्होंने बहुमत के कारण लोकसभा और राज्यसभा दोनों में विधेयक पारित किया है. हम इस तानाशाही दृष्टिकोण का विरोध करते हैं. यह न केवल मुस्लिम संपत्तियों को जब्त करने का प्रयास है, बल्कि हमें बदनाम करने का भी प्रयास है.