पाकिस्तान में गहराया जलसंकट, चिनाब नदी का जलस्तर घटा, 3 करोड़ लोगों पर असर, भारत ने बंद किए दो बांध

By Admin@News
मई 6, 2025

Water Crisis In Pakistan : भारत ने जम्मू-कश्मीर में चिनाब पर बने सियाल और बगलिहार बांध के गेट बंद कर दिए हैं। इसके चलते पाकिस्तान जाने वाला चिनाब का पानी रुक गया है और वाटर लेवल घटकर 15 फीट रह गया है।

पाकिस्तान में चिनाब का पानी 22 फीट था जो 24 घंटे में 7 फीट घट गया। चिनाब के लगातार सिकुड़ने से 4 दिन बाद पंजाब के 24 अहम शहरों में 3 करोड़ से ज्यादा लोगों को पीने के पानी के लिए तरसना पड़ सकता है।

पाकिस्तान के फैसलाबाद और हाफिजाबाद जैसे घनी आबादी वाले शहरों की 80% आबादी पेयजल के लिए चिनाब के सतही पानी पर निर्भर है। सिंधु जल प्राधिकरण ने आशंका जताई कि भारत के इस कदम से खरीफ की फसलों के लिए पानी में 21% की कमी आएगी। पाकिस्तानी संसद ने इसे युद्ध छेड़ने की कार्रवाई बताया है।

1. बिलावल भुट्टो
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो ने सिंधु जल समझौता रोकने पर भारत को धमकी दी है। बिलावल ने 25 अप्रैल को एक रैली में कहा कि सिंधु नदी में या तो हमारा पानी बहेगा, या फिर उनका खून बहेगा। सिंधु दरिया हमारा है और हमारा ही रहेगा।

2. ख्वाजा आसिफ पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने 4 मई को धमकी देते हुए कहा है कि अगर भारत ने सिंधु नदी पर डैम बनाया तो, पाकिस्तान उस पर हमला करेगा।

3. शहबाज शरीफ
शहबाज शरीफ ने 1 मई को कहा कि भारत ने युद्ध भड़काने वाले फैसले किए और पाकिस्तान के खिलाफ आक्रमक रुख अपनाया।

भारत ने 65 साल पुराना सिंधु जल समझौता रोका
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल समझौता रोक दिया है। 19 सितंबर 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच 6 नदियों का पानी बांटने को लेकर सिंधु जल समझौता हुआ था। समझौते के तहत भारत को तीन पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास और सतलुज) का अधिकार मिला, जबकि पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम और चिनाब) का इस्तेमाल करने की परमिशन दी गई।

पाकिस्तान की 80% खेती सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के पानी पर निर्भर है। अब भारत की तरफ से इन नदियों का पानी रोक देने से पाकिस्तान में जल संकट गहराएगा। वहां की आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी। इसके अलावा पाकिस्तान कई डैम और हाइड्रो प्रोजेक्ट्स से बिजली बनाता है। पानी की कमी से बिजली उत्पादन में गिरावट आ सकती है, जिससे आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों पर असर पड़ेगा।

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