Mahakumbh 2025 : बालीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी महामंडलेश्वर बन गई हैं। किन्नर अखाड़ा ने उन्हें ये पदवी दी। अब वह ममता नंद गिरि कहलाएंगी। उनका सिर्फ पट्टाभिषेक रह गया है।
वह शुक्रवार की सुबह ही महाकुंभ में किन्नर अखाड़े पहुंचीं। उन्होंने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया। दोनों के बीच करीब एक घंटे तक महामंडलेश्वर बनने को लेकर चर्चा हुई।
शुक्रवार को ही महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ममता कुलकर्णी को लेकर अखिल भारतीय अखाड़े के अध्यक्ष रविंद्र पुरी के पास गईं। ममता कुलकर्णी और रविंद्र पुरी के बीच काफी देर तक बातचीत हुई। इस दौरान किन्नर अखाड़े के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। फिर उनके महामंडलेश्वर बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई।
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मुलाकात के दौरान ममता कुलकर्णी ने धर्म पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भगवान राम जब मां सीता को ढूंढते हुए चित्रकूट के जंगल में गए, तब भगवान शिव और पार्वती में संवाद हुआ था। किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने को लेकर पूरी गोपनीयता बरती है।
भगवा रूप में महाकुंभ में एंट्री ममता कुलकर्णी साध्वी के रूप में महाकुंभ में आईं। वह भगवा में रंगी दिखी। उन्होंने गले में दो रुद्राक्ष की बड़ी माला पहनी हुई थीं। कंधे पर भगवा झोला भी टांगे रखा था।
‘महाकुंभ की पवित्र बेला की साक्षी बन रही हूं’ मुलाकात के बाद ममता कुलकर्णी ने कहा कि महाकुंभ में आना और यहां की भव्यता को देखना उनके लिए बहुत ही यादगार पल है। यह मेरा सौभाग्य होगा कि महाकुंभ की इस पवित्र बेला में मैं भी साक्षी बन रही हूं। संतों के आशीर्वाद प्राप्त कर रही हूं। जब ममता कुलकुर्णी किन्नर अखाड़े पहुंची तो उन्हें देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। उनके साथ सेल्फी और फोटो लेने के लिए लोगों में होड़ मच गई।
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टॉपलेस फोटोशूट से चर्चा में आई थीं ममता… शाहरुख खान, सलमान खान, अजय देवगन, अनिल कपूर जैसे बड़े स्टार्स से साथ स्क्रीन शेयर करने वाली ममता, उस वक्त विवादों में आईं जब उन्होंने साल 1993 में स्टारडस्ट मैगजीन के लिए टॉपलेस फोटोशूट कराया था।
वहीं, डायरेक्टर राजकुमार संतोषी ने ममता को फिल्म ‘चाइना गेट’ में बतौर लीड एक्ट्रेस लिया था। शुरुआती अनबन के बाद संतोषी, ममता को फिल्म से बाहर निकालना चाहते थे।
खबरों के मुताबिक, अंडरवर्ल्ड से प्रेशर बढ़ने के बाद, उन्हें फिल्म में रखा गया। हालांकि फिल्म फ्लॉप साबित हुई और बाद में ममता ने संतोषी पर सेक्शुअल हैरेसमेंट का आरोप भी लगाया।
महामंडलेश्वर बनने की यह है प्रक्रिया
पहले अखाड़े को आवेदन करना होता है। संन्यास की दीक्षा देकर संत बनाते हैं। नदी किनारे मुंडन फिर स्नान कराते हैं। परिवार और खुद का तर्पण कराते हैं। पत्नी, बच्चों समेत परिवार का पिंड दान कर संन्यास परंपरा अनुसार विजय हवन संस्कार होता है।
दीक्षा दी जाती है। गुरु बनाकर चोटी काटते हैं। अखाड़े में दूध, घी, शहद, दही, शक्कर से बने पंचामृत से पट्टाभिषेक होता है। अखाड़े की ओर से चादर भेंट की जाती है।
जिस अखाड़े का महामंडलेश्वर बना है, उसमें प्रवेश होता है। साधु-संत, आम लोग और अखाड़े के पदाधिकारियों को भोजन करवाकर दक्षिणा दी जाती है।
घर से संबंध खत्म करने होते हैं। संन्यास काल के दौरान जमा धन जनहित के लिए देना होगा। खुद का आश्रम, संस्कृत विद्यालय, ब्राह्मणों को नि:शुल्क वेद की शिक्षा देना होती है।