नई दिल्ली: एक ओर देश 78वें स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) को सेलिब्रेट कर रहा है, तो वहीं दूसरी ओर देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (SBI) ने अपने करोड़ों ग्राहकों को झटका दिया है. दरअसल, स्टेट बैंक ने लोन की ब्याज दरों (SBI MCLR Hike) में 10 बेसिस पॉइंट या 0.10 फीसदी का इजाफा किया है, ये बदलाव अलग-अलग टैन्योर के कर्ज को प्रभावित करेगा. इस फैसले के बाद बैंक से लोन (Loan) लेना महंगा हो जाएगा.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) द्वारा एमसीएलआर में की गई बढ़ोतरी के बाद अब नए Loan Rates आज 15 अगस्त या स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2024) से सभी टैन्योर के लोन पर लागू कर दिए गए हैं. ये बीते तीन महीनों में देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक द्वारा कर्ज की दरों में की गई लगातार तीसरी बढ़ोतरी है. नई दरों के लागू होने के साथ 3 साल के टैन्योर के लिए एमसीएलआर इससे पहले के 9% से बढ़कर 9.10% हो गया है, जबकि ओवरनाइट एमसीएलआर 8.10% से बढ़कर 8.20% हो गया है.
एसबीआई द्वारा अपने कर्ज की दरों में की गई इस बढ़ोतरी से पहले कई बैंक अपने MCLR में संशोधन कर चुके हैं और इनकी नई दरों इसी महीने से लागू हो चुकी हैं. इस लिस्ट में बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda), केनरा बैंक (Canera Bank) और यूको बैंक (UCO Bank) समेत अन्य नाम शामिल हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा और केनरा बैंक ने अपनी नई दरों को 12 अगस्त से प्रभावी कर दिया है, जबकि यूको बैंक की बदली हुई दर 10 अगस्त 2024 से प्रभावी है.
अब बात करते हैं कि बैंक का मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) आखिर होता क्या है और इसका लोन लेने वाले पर क्या असर पड़ता है. तो बता दें कि एमसीएलआर वह न्यूनतम दर होती है, जिसके नीचे कोई भी बैंक ग्राहकों को लोन नहीं दे सकता है. इससे साफ है कि अगर इसमें बदलाव किया जाता है, तो फिर लोन की ईएमआई (Loan EMI) पर असर दिखाई देता है. MCLR जितना बढ़ता है, लोन पर ब्याज भी बढ़ जाता है और इसके कम होने पर घट जाता है. हालांकि एमसीएलआर बढ़ने के साथ ही ईएमआई पर प्रभाव नहीं पड़ता है, बल्कि इसमें चेंज रीसेट डेट पर ही लागू किया जाता है.