MP News : केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 53 फीसदी होने के बाद ग्रेच्युटी में बढ़ोत्तरी की है. इस तरह केन्द्रीय कर्मचारियों की ग्रेच्युटी 20 लाख से बढ़ाकर 25 लाख कर दी गई है. मध्यप्रदेश में भी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 50 फीसदी हो चुका है.
माना जा रहा है कि इस साल प्रदेश के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ने के बाद प्रदेश में भी ग्रेच्युटी की सीमा को बढ़ा दिया जाएगा. इससे मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को सीधे तौर पर 5 लाख रु का फायदा होगा. कर्मचारी संगठनों के मुताबिक इसे लेकर जल्द ही सरकार से मांग भी की जाएगी.
ऐसा है कर्मचारियों की ग्रेच्युटी का गणित
केन्द्र ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर रिटायरमेंट ग्रेच्युटी की लिमिट 20 लाख से 25 लाख रु कर दी है. वहीं मध्यप्रदेश में कर्मचारियों को अभी अधिकतम 20 लाख रुपए ग्रेच्युटी दी जाती है. मध्यप्रदेश में ग्रेच्युटी में बढ़ोत्तरी 9 साल पहले की गई थी.
जनवरी 2016 में प्रदेश के शासकीय कर्मियों को देय (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपादान) ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दिया गया था. इसमें कर्मचारी की अंतिम सैलरी गुणा 16 महीने के बराबर ग्रेच्युटी दी जाती है, लेकिन यह अधिकतम 20 लाख रुपए ही होती है.
अब 5 लाख रु का होगा फायदा?
वहीं केन्द्र सरकार द्वारा केन्द्रीय कर्मचारियों की ग्रेच्युटी बढ़ाए जाने से मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी बढ़ने की उम्मीदें जाग गई हैं। दरअसल, मध्यप्रदेश में भी महंगाई भत्ता यानी DA 50 फीसदी हो गया है.
प्रदेश के कर्मचारी DA के मामले में केन्द्रीय कर्मचारियों से 3 प्रतिशत ही पीछे हैं. माना जा रहा है कि अगस्त माह में प्रदेश में महंगाई भत्ता केन्द्रीय कर्मचारियों के समान हो सकता है. इसके बाद ग्रेच्युटी पर भी सरकार विचार कर सकती है.
कर्मचारी संगठन करेंगे सरकार से मांग
उधर राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री जितेन्द्र सिंह कहते हैं, ” प्रदेश के कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाई जा रही है. पुरानी पेंशन बहाली सहित 51 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन दिए जा रहे हैं.
प्रदेश के कर्मचारियों को केन्द्रीय कर्मचारियों से 3 फीसदी कम महंगाई भत्ता मिल रहा है. अब ग्रेच्युटी में भी पीछे हो गए हैं. पड़ोसी राज्य राजस्थान में पहले ही ग्रेच्युटी की सीमा को बढ़ा दिया गया है. तमाम मांगों को लेकर सरकार को फिर ज्ञापन देने जा रहे हैं.”
प्राइवेट सेक्टर में भी मिलता है लाभ
ग्रेच्युटी का लाभ सिर्फ सरकारी कर्मचारी ही नहीं, बल्कि प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को भी मिलता है. ग्रेच्युटी का लाभ कर्मचारियों को तब मिलता है जब कर्मचारी एक ही संस्थान में पांच साल तक काम करता है, तब वह भी इसका पात्र बन जाता है. हालांकि, कुछ मामलों में इसकी सीमा कम होती है.
आमतौर पर ग्रेच्युटी की सीमा 4 साल 240 दिन के बाद की होती है. इसका लाभ तब मिलता है जब कर्मचारी या तो तय समय सीमा के बाद नौकरी छोड़ता है या फिर रिटायर होता है. नौकरी में रहते हुए ग्रेच्युटी नहीं ली जा सकती. ग्रेच्युटी की काउंटिंग कर्मचारी को मिलने वाले मूल वेतन और वेतनभत्तों को जोड़कर की जाती है.
ग्रेच्युटी किसे कहते हैं?
ग्रेच्युटी उस एकमुश्त राशि को कहा जाता है, जो सरकार या कंपनी अपने कर्मचारियों को उनकी सेवाओं के लिए देती है. ये राशि रिटायर होने या एक तय समय सीमा के बाद नौकरी छोड़ने पर दी जाती है. सरकारी कर्मचारियों की ग्रेच्युटी सरकार द्वारा निर्धारित होती है.
वहीं प्राइवेट कर्मचारियों की ग्रेच्युटी भी उनके सैलरी स्ट्रक्चर पर निर्भर करती है. आज के दौर में प्राइवेट कर्मचारी ग्रेच्युटी का उतना लाभ नहीं ले पाते क्योंकि ग्रेच्युटी के लिए तय समय सीमा (लगभग 5 साल) तक कर्मचारी एक कंपनी में नहीं टिक पाते.