Biggest rebellion against BJP : विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने उम्मीदवारों की शुरुआती सूची में नौ मौजूदा विधायकों को जगह नहीं दी है. टिकट न मिलने से नाराज हरियाणा के मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. रणजीत सिंह चौटाला ने इस्तीफा देकर सरकार से अलग होने का फैसला किया, जिससे हरियाणा की सियासत में हलचल मच गई है.
कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की माता सावित्री जिंदल ने आजाद चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. वह हिसार से टिकट चाह रही थी. लेकिन उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया है. गुरुवार को हिसार में देश की चौथी सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने कहा कि वह मैं बीजेपी की सदस्य नहीं हैं. केवल बेटे ने भाजपा ज्वाइन की थी.
वह हिसार की सेवा करना चाहती हैं और ऐसे में अब आजाद चुनाव लड़ेंगी और हिसार की जनता जो कहेगी, मैं वो करूंगी. हिसार में एक जनसभा में सावित्री जिंदल ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सिर्फ मैं अपने बेटे का चुनाव प्रचार करने गई थी, मैंने कभी बीजेपी ज्वाइन नहीं की.
रणजीत सिंह चौटाला ने अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए कहा कि पार्टी द्वारा टिकट न देने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया है. इस बीच, बीजेपी द्वारा मौजूदा नौ विधायकों को टिकट न देने के फैसले ने पार्टी के भीतर असंतोष को और बढ़ा दिया है. जानकारी के मुताबिक, हरियाणा के मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने बीजेपी से टिकट न मिलने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने नायब सिंह सैनी की कैबिनेट से इस्तीफा देकर घोषणा की कि वह रानियां विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे.
हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने अपनी शुरुआती उम्मीदवार सूची में नौ मौजूदा विधायकों को जगह नहीं दी है, जिसमें रणजीत सिंह चौटाला का नाम भी शामिल था. टिकट न मिलने से नाराज चौटाला ने पार्टी से अलग होकर स्वतंत्र रूप से चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है.
बीजेपी द्वारा मौजूदा विधायकों को टिकट न देने का यह फैसला पार्टी के भीतर असंतोष का कारण बनता दिख रहा है. रणजीत सिंह चौटाला ने स्पष्ट किया है कि वह रानियां से अपनी राजनीतिक लड़ाई जारी रखेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़े.