रायबरेली: उत्तर प्रदेश बीजेपी में अध्यक्ष के रूप में सबसे छोटी ईकाई के मंडल अध्यक्ष पर रविवार की देर रात कार्यकर्ताओं को नियुक्त किया गया था. इसके लिए बाकायदा लिस्ट जारी करके 750 मंडल अध्यक्ष नियुक्त किए गए थे.
रायबरेली जनपद में भी 22 मंडल अध्यक्षों को चुना गया था. इसके साथ में ही 22 प्रतिनिधियों का भी ऐलान हुआ. बीजेपी प्रदेश मुख्यालय से जारी इस सूची में एक ऐसे कार्यकर्ता का नाम है जो अब इस दुनिया में है ही नहीं.
उसका 2 साल पहले निधन हो चुका है. लेकिन, इसके बाद भी बीजेपी ने जातीय समीकरण साधने के लिए उनको जिम्मेदारी दे दी. ये नाम है संजय मौर्य का, जिनको मंडल अध्यक्ष प्रतिनिधि की जिम्मेदारी मिली है. इसकी अब खूब चर्चा हो रही है.
सोशल मीडिया पर उनका नाम खूब वायरल किया जा रहा है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि इस मामले को लेकर किरकिरी होने पर भाजपा ने अपनी लिस्ट संशोधित कर दी है. लेकिन, अभी इसकी कोई पुष्टि नहीं कर रहा.
मंडल अध्यक्षों और उनके प्रतिनिधियों की सूची चुनाव अधिकारी व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय की संस्तुति पर फाइनल हुई है. जिले में मण्डल अध्यक्ष चुनाव की जिम्मेदारी राकेश मिश्रा के पास थी.
जिला प्रभारी पीयूष मिश्रा और पर्यवेक्षक के रूप में प्रदेश महामंत्री संजय राय की देखरेख में मण्डल अध्यक्ष का चुनाव किया गया. मण्डल अध्यक्ष के पद में जातीय आधार पर समीकरण को खूब साधने की कोशिश की गई है.
विधानसभावार जारी लिस्ट में पार्टी की तरफ से यादव बिरादरी से दूरी बनाई गई है. इसके अलावा ओबीसी की अन्य जातियों को भी कम भागीदारी मिल पाई है.
मंडल अध्यक्ष के विभिन्न पदों को लेकर लोगों में जहां खूब आपत्ति जताई जा रही है तो वहीं संजय मौर्य को जिम्मेदारी देना चर्चा का विषय बना हुआ है. क्योंकि, उनकी 2 साल पहले मौत हो चुकी है. इसके बाद भी उनका नाम लिस्ट में शामिल है.
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संजय मौर्य को बीजेपी की तरफ से राही ब्लॉक का जिला प्रतिनिधि बनाया गया है. जबकि, उनकी मृत्यु 18 मई 2022 को हो चुकी है. संजय मौर्य को यह जिम्मेदारी बीजेपी की तरफ से जातिगत वोट साधने के लिए दी गई है. लेकिन, प्रश्न बीजेपी के पूरे सिस्टम पर उठ रहा है कि आखिर क्या उन्होंने सिर्फ नाम देखकर ही लोगों को अहम पदों की जिम्मेदारी दे दी?
फिलहाल सोशल मीडिया पर संजय मौर्य का नाम तेजी के साथ में दौड़ रहा है और लोग लिख रहे हैं कि ‘यमलोक’ से संजय मौर्य बीजेपी के जिला प्रतिनिधि पद पर काम करेंगे.
वहीं, रायबरेली के राही ब्लॉक में डिहवा के रहने वाले संजय मौर्य के भाई अशोक ने बताया कि उनके भाई की मृत्यु दो साल पहले हो गई है. भाजपा द्वारा जो लिस्ट जारी की गई है वह गलत है. उनका नाम लिस्ट में डालने से घर में फोन आ रहे हैं. पार्टी ने इस तरह का कार्य करके गलत किया है.
इस मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष बुद्धिलाल पासी का कहना है कि सोशल मीडिया पर जिस प्रकार से राही ब्लॉक के पार्टी दिवंगत कार्यकर्ता संजय मौर्य को लिस्ट में शामिल बताया गया है यह कोई और हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मैं स्वयं पता लगा रहा हूं किस संजय मौर्य को यह जिम्मेदारी दी गई है.
क्योंकि, लिस्ट में केवल नाम दिया गया है, कोई पता या मोबाइल नंबर नहीं दिया गया है. बुद्धिलाल पासी ने यह भी कहा कि मंडल अध्यक्ष व प्रतिनिधि का चुनाव समिति के लोगों द्वारा किया जाता है. इसमें जिलाध्यक्ष का कोई रोल नहीं होता.