Rashtriya Ekta News : कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन को पलटाने की साजिश की जांच करने के लिए पुलिस और एटीएस की टीमें जुटी हैं. इस मामले का खुलासा करने के लिए पुलिस की ओर से पांच टीमों का गठन किया गया है. रेलवे ट्रैक पर मिले एलपीजी सिलेंडर, पेट्रोल की बोतल को लेकर उच्चस्तरीय जांच शुरू हो गई है. आरपीएफ ने एफआईआर दर्ज किया है. इसके साथ मामले की जांच आईबी को सौंप दी गई है. उत्तर प्रदेश के कानपुर के इस मामले में पुलिस ने 10 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है.
माना जा रहा है कि रेलवे ट्रैक पर गैस सिलेंडर और पेट्रोल बोतल का मिलना सामान्य मामला नहीं है. यह सीधा सीधा किसी बड़ी साजिश का संकेत दे रहा है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. यूपी बीते कई महीने से रेलवे ट्रैक पर संवेदनशील चीजें रखकर लगातार ट्रेन पलटने की साजिश हो रही है.
ताजा घटना अनवरगंज-कासगंज रेलवे रूट का है. आरपीएफ के अधिकारियों के मुताबिक बर्राराजपुर रेलवे स्टेशन से कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन करीब 2.5 किलोमीटर आगे चली ही थी कि रेलवे ट्रैक पर रखे LPG गैस सिलेंडर से टकरा गई. इससे जोर का धमाका हुआ. गनीमत रही कि लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगा दी और बड़ा हादसा टल गया.इसके बाद मौके पर पहुंची जीआरपी और आरपीएफ की टीमों ने जांच की तो पता चला कि रेलवे ट्रैक पर ना केवल रसोई गैस का सिलेंडर रखा था, बल्कि वहीं पर पेट्रोल भरी बोतल, माचिस एवं अन्य संवेदनशील सामान भी रखे थे.
जो धमाका हुआ, वह गैस सिलेंडर फटने की वजह से हुआ. इस हादसे के बाद मैके पर कालिंदी एक्सप्रेस करीब 22 मिनट तक खड़ी रही. बाद में ट्रैक की जांच करने के बाद इस ट्रेन को आगे रवाना किया गया. इसी तरह की घटना कुछ दिन पहले साबरमती एक्सप्रेस के साथ भी हुई थी.इस हादसे में ट्रेन की 22 बोगियां पलट गई थीं. मामले की गंभीरता को देखते हुए आरपीएफ ने शनिवार की देर रात एफआईआर दर्ज कर लिया. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक मामले की जांच के लिए आईबी को इंवाल्व किया गया है.
इसी के साथ मामले की जानकारी कानपुर के डीएम और पुलिस कमिश्नर के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को भी दी गई है. रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक ट्रेन से टकराने के बाद गैस सिलेंडर ट्रैक पर काफी दूर तक घिसटता हुआ गया है. इसके निशान ट्रैक पर मिले हैं. वहीं कुछ दूर आगे पेट्रोल की बोतल भी मिली है. रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक इस साजिश के लिए पूरी तैयारी की गई थी. गनीमत रही कि लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगा दी और बड़ा हादसा टल गया.
रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक यह हरकत असमाजिक तत्वों की हो सकती है. इसके पीछे उनका उद्देश्य दहशत कायम करना है. चूंकि, बीते कई महीने से इस तरह की साजिश हो रही है और चार पांच मामले सामने आ चुके हैं, ऐसे में इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है. रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक आरपीएफ तो मामले की जांच करेगी ही, केंद्रीय जांच एजेंसियों को भी इंवाल्व किया जा रहा है.