MP Hindi News : मध्य प्रदेश में गायों को लेकर सरकार ने बड़े निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य स्तरीय गोवर्धन पूजा समारोह के दौरान गौ-पालन एवं गौ-संवर्धन को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में बूढ़ी और अपाहिज गायों की देखभाल अब कांजी हाउस की जगह गौशालाओं में की जाएगी। साथ ही, 10 या अधिक गायों का पालन करने वाले गौ-पालकों को विशेष अनुदान और क्रेडिट कार्ड देने का प्रावधान भी किया गया है।
गौवध के दोषियों के लिए सात साल के सख्त कारावास की बात भी कही गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को दुग्ध उत्पादन में देश में शीर्ष स्थान पर लाने का लक्ष्य है। इसके लिए प्रदेश सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बीच एक समझौता (एमओयू) किया गया है। प्रदेश में आगामी पशु गणना में भी मध्यप्रदेश को पहले स्थान पर लाने का लक्ष्य है।
गोवर्धन पूजा पर सीएम ने की यह घोषणाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गोवर्धन पूजा हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों का प्रतीक है। राज्य सरकार ने पहली बार इसे शासन स्तर पर बड़े पैमाने पर मनाने का निर्णय लिया है। गौशालाओं में होगी बूढ़ी और अपाहिज गायों की देखभाल की जाएगी। शहरों में कांजी हाऊस के स्थान पर गौशालाओं में बूढ़ी और अपाहिज गायों की देखभाल की जाएगी। सरकार विशेष अनुदान योजना शुरू करेगी। इसमें 10 या अधिक गायों का पालन करने वाले पशुपालकों को विशेष अनुदान दिया जाएगा।
दुग्ध उत्पादन में प्रदेश को अग्रणी बनाने का प्रयास किया जाएगा। इसके तहत दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के साथ साझेदारी में प्रदेश में दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य 9% से बढ़ाकर 20% तक किया जाएगा। गौ-वंश के आहार पर अनुदान राशि को बढ़ाया जाएगा। इसमें गौ-शालाओं में प्रति गौ-वंश के आहार अनुदान की राशि को दोगुना कर दिया जाएगा। गौवध पर कठोर दंड का प्रावधान है। इसमें गौवध के दोषियों को 7 वर्ष का कठोर कारावास दिया जाएगा।
शहरों में प्रारंभ होंगी बड़ी गौ-शालाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दुग्ध सहकारिता में सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि अमूल की तरह, मध्यप्रदेश में भी सहकारिता के माध्यम से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के प्रयास हो रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौपालन एवं गौ संरक्षण के कार्यों को दृष्टिगत रखते हुए इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर जैसे शहरों में जहां हजारों की संख्या में गौ-वंश है, बड़ी गौशालाएं प्रारंभ की जाएगी। शहरों की गौशालाओं में 5 हजार से लेकर 10 हजार तक गौवंश को रखने की व्यवस्था होगी। राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 में पशुधन संरक्षण और पशुपालन गतिविधियों के लिए 590 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया है।
गाय धार्मिक और आर्थिक दोनों दृष्टिकोण से भारतीयों के लिए पूजनीय
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गाय धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि आर्थिक रूप से भी करोड़ों भारतीयों के लिए पूजनीय है। आज पंचगव्य सहित अनेक उत्पाद आमजन द्वारा उपयोग में लाए जा रहे हैं। कोविड के दौर में गौ-वंश के उत्पादों का उपयोग किया गया। आयुर्वेद में औषधि के रूप में पंचगव्य जिसमें दूध, दही, घी, गोबर और गौ-मूत्र शामिल हैं संक्रमण को रोकने में मददगार रहा।
संत समाज का विशेष सहयोग
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौ-वंश संरक्षण के क्षेत्र में संत समाज का विशेष आशीर्वाद और सहयोग प्राप्त हो रहा है। सहअस्तित्व हमारी संस्कृति की विशेषता है। गौमाता के जीवन से हमारा जीवन गौरवान्वित होता है। राज्य स्तरीय गोवर्धन पूजा समारोह में स्वामी अच्युतानंद जी और गौ-संरक्षण के क्षेत्र में विशेष कार्य करने वाले स्वामी हरिओमानंद जी भी विशेष रूप से उपस्थित रहे हैं।
प्रदर्शनी का अवलोकन और गौ-पालकों का सम्मान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रवीन्द्र भवन परिसर में विभिन्न गौशालाओं की गायों के साथ ही गोवर्धन पूजन भी किया। इस अवसर पर गौ-उत्पादों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदर्शनी में प्रदर्शित अनेक गौ-उत्पाद देखे, इनमें गौ-घृत, अन्य उत्पाद और गोबर से निर्मित कलाकृतियां भी शामिल थी। प्रदर्शनी के एक हिस्से में श्रीकृष्ण गौ-शाला केंद्रीय जेल और नगर निगम द्वारा संचालित अरवलिया गौ-शाला सहित अन्य गौ-शालाओं की गाये लाई गईं।
गायों को गोवर्धन पूजा के दिन नहला-धुलाकर नए वस्त्रों और मयूर पंख आदि से सज्जित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभिन्न गौ-शालाओं के संचालकों का श्रेष्ठ सेवाओं के लिए सम्मान भी किया। इसमें इंदौर की गौशाला के संचालक हरिओम आनंद, गायत्री परिवार से जुड़े सूरज सिंह परमार, सोनू जैन, प्रदीप कुमार जैन एवं उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर आदि नगरों के अन्य गौशाला संचालक शामिल रहे।