Muslim population : भारत की पहचान पूरी दुनिया में एक हिंदू बहुल देश के तौर पर है जहां सभी धर्म के लोग मिलकर रहते हैं. भारत का संविधान भी यहां सभी को अपने-अपने मजहब को मानने और प्रचार करने की पूरी आजादी देता है. धर्म को लेकर वक्त वक्त दुनियाभर के अलग-अलग संस्थान रिसर्च करते रहते हैं और कुछ अनुमान या तथ्य हमारे सामने लाते रहते हैं. ऐसी ही एक संस्था है प्यू रिसर्च संस्था.
प्यू रिसर्च के एक नए अध्ययन के अनुसार, हिंदू धर्म 2050 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म बन जाएगा, जबकि भारत सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश के रूप में इंडोनेशिया को पीछे छोड़ देगा. प्यू रिसर्च सेंटर के “द फ्यूचर ऑफ वर्ल्ड रीजन्स” अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि दुनिया भर में हिंदू आबादी 2050 तक लगभग 34% बढ़ेगी जो 1 बिलियन से थोड़ा अधिक 1.4 बिलियन हो जाएगी.
अध्ययन में कहा गया है कि ईसाई (31.4%) और मुसलमानों (29.7%) के बाद दुनिया की कुल आबादी में हिंदू 14.9% होंगे. वहीं भारत में किसी भी अन्य देश के मुकाबले सबसे ज्यादा मुसलमान होंगे. अध्ययन के अनुसार 2050 तक भारत में मुसलमानों की संख्या 310 मिलियन से अधिक हो जाएगी. हिंदू भारत की आबादी (77%) में बहुमत में रहेंगे और मुस्लिम सबसे बड़ा अल्पसंख्यक (18%) रहेंगे.
इन तीन मुस्लिम देशों में घटेगी हिंदू आबादी
हालांकि एक बात आपको बता दें कि जहां भारत में अल्पसंख्यक मुसलमानों की संख्या बढ़ेगी वहीं कुछ मुस्लिम बहुल देशों में हिंदुओं की संख्या घटेगी. कम प्रजनन दर, धर्मांतरण और प्रवासन जैसे कारणों की वजह से 2050 में कई देशों में हिंदुओं की आबादी गिरेगी.
पहला देश जहां हिंदुओं की आबादी घटेगी वह पाकिस्तान है. 2010 में वहां 1.6 प्रतिशत हिंदुओं की आबादी थी जो प्यू रिसर्च के मुताबिक साल 2015 में गिरकर 1.3 हो जाएगी. बांग्लादेश में साल 2010 में 8.5 प्रतिशत हिंदू थे जो 2050 में 7. 2 होने का अनुमान है. वहीं अफगानिस्तान में साल 2010 में 0.4 प्रतिशत से 0.3 प्रतिशत हिंदुओं की आबादी होने का अनुमान है.