भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने नए साल की शुरुआत कर्ज के साथ की है। प्रदेश सरकार ने पांच हजार करोड़ रुपये का लोन लिया है। दो चरणों में पांच हजार का ऋण लिया है। जिसके बाद एमपी पर कुल कर्ज का भार 3.75 लाख करोड़ पहुंच गया है।
मध्य प्रदेश सरकार ने एक जनवरी को खुले बाजार में दो चरणों में पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मुंबई शाखा के ई-कुबेर सिस्टम के माध्यम से ऋण लिया है। एमपी पर कुल कर्ज का आंकड़ा अब 3.75 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है।
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एमपी सरकार ने पहले चरण में सबसे कम ब्याज दर पर कर्ज देने वाली संस्था से 2500 करोड़ रुपये लिया। यह कर्ज 13 वर्षों के लिए लिया गया है। इसकी अदायगी 1 जनवरी 2038 तक की जाएगी। वहीं दूसरे चरण में 2500 करोड़ रुपये का कर्ज 22 वर्षों के लिए लिया गया है। इसकी अदायगी 2047 तक की जाएगी।
मध्य प्रदेश सरकार पर वर्तमान में कुल कर्ज का आंकड़ा 3,75,578 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसमें बाजार से लिया कर्ज 2,03,000 करोड़ रुपये है। वित्तीय संस्थाओं से लिया कर्ज 15,248 करोड़ और केंद्र सरकार से लोन और एडवांस 62,012 करोड़ रुपये शामिल है।