Indore-Budhni Railway Line : इंदौर-बुधनी रेल लाइन के लिए ग्राम बिजवाड़ में जमीन का कब्जा लेने का काम व्यापक जन विरोध के चलते हुए रोक दिया गया है। सरकार द्वारा दिए गए निर्देश के परिणामस्वरूप यह काम रुका है। इस दौरान आंदोलन कर रहे नागरिकों पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग भी किया गया। इस बल प्रयोग में घायल 8 महिलाओं का अस्पताल में मेडिकल हुआ है।
इस रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू हो गई है। देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बिजवाड़ में जमीन का कब्जा लेने का काम शुरू हुआ तो इस योजना का विरोध कर रहे किसान मौके पर जाकर डट गए। इंदौर के किसान नेता हंसराज मंडलोई भी अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंच गए।
उन्होंने बताया कि वहां पर एक तरफ सरकारी जमीन है, लेकिन उस पर रेल लाइन नहीं डालते हुए किसानों की जमीन पर रेल लाइन डालने का काम किया जा रहा है। सरकार द्वारा जमीन के अधिग्रहण पर गाइडलाइन के हिसाब से मुआवजा देने का फैसला लिया गया है। यह गाइडलाइन पिछले 15 साल से बढ़ाई नहीं गई है।
प्रदेश में कमलनाथ सरकार के कार्यकाल के समय गाइडलाइन 20 प्रतिशत कम जरूर कर दी गई थी। ऐसे में कम मुआवजे में अपनी जमीन छीने जाने से किसानों में आक्रोश है। किसानों द्वारा बिजवाड़ में जमीन का कब्जा लेने की कोशिश का मैदानी विरोध किया जा रहा है।
इस विरोध के चलते बड़ी संख्या में किसान मौके पर डट गए। ऐसे में पुलिस द्वारा किसानों को हटाने के लिए बल प्रयोग किया गया। बल प्रयोग में इस आंदोलन में शामिल कई महिलाएं घायल हो गईं। घायल हुईं महिलाओं में से 8 महिलाओं का कांटाफोड़ के सरकारी अस्पताल में मेडिकल कराया गया।
किसान कैसे खुद को संभालेगा
मौके पर निरंतर बिगड़ती स्थिति और जनता के बढ़ते विरोध को देखते हुए सरकार द्वारा कल जमीन का कब्जा लेने का काम स्थगित कर दिया गया है। मंडलोई ने बताया कि बुधनी क्षेत्र में जिन किसानों की जमीन जा रही है, उनका मुआवजा 50 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक का बन रहा है।
ऐसे में यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस मुआवजे से किसान कैसे खुद को फिर से स्थापित कर सकेगा। मध्यप्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है, जो की गाइडलाइन के समतुल्य मुआवजा दे रहा है। पिछड़े प्रदेश के रूप में पहचाने जाने वाला बिहार भी गाइडलाइन से चार गुना मुआवजा दे रहा है।
इंदौर-बुधनी नई रेल लाइन के लिए हो रहे जमीन अधिग्रहण का देवास जिले में विरोध हो रहा है। देवास जिले के कन्नौद क्षेत्र के कलवार गांव से धनतालाब घाट तक 8 गांवों के किसानों की जमीन इसके लिए अधिग्रहित की जानी है जिसके विरोध में किसान उतर आए और मंगलवार को जब अधिग्रहण के लिए प्रशासनिक अमला पहुंचा तो किसानों ने जमकर विरोध भी किया। इस दौरान जमकर झूमाझटकी भी हुई है।
जमीन अधिग्रहण का विरोध, हुई झूमाझटकी
मंगलवार को राजस्व अमला अपर कलेक्टर बिहारी सिंह के नेतृत्व में क्षेत्र के बिजवाड़ पहुंचा। इस दौरान भारी पुलिसबल भी मौजूद रहा लेकिन किसानों ने जमकर विरोध किया। किसानों ने जहां धरना दे दिया वहीं महिलाएं जेसीबी के सामने लेट गईं।
महिला पुलिसकर्मियों के साथ महिलाओं की झड़प भी हुई। ऐसे में कुछ लोगों को हिरासत में लेकर अलग-अलग थानों पर ले जाया गया। उधर सख्ती के बाद जेसीबी से खुदाई का कार्य शुरू भी किया गया लेकिन जब मामला केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंचा तो उनके हस्तक्षेप के बाद कार्रवाई रोक दी गई और अमला लौट गया। कलेक्टर ऋतुराज सिंह का कहना है कि फिलहाल अधिग्रहण की कार्रवाई स्थगित की गई है। आगामी निर्देशों के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे 8 गांवों के किसान
इंदौर-बुधनी नई रेल लाइन के लिए हो रहे जमीन अधिग्रहण का किसानों द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा है। किसान योजना का एलाइनमेंट बदलने या मेट्रो की तरह लाइन बिछाने सहित बाजार दर से मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर पूर्व में खातेगांव विधायक आशीष शर्मा के नेतृत्व में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराजसिंह चौहान के साथ केंद्रीय रेल मंत्री से मिल चुके हैं लेकिन उनकी मांगों का फिलहाल निराकरण नहीं हो सका है।