MP Hindi News : हरिद्वार की तर्ज पर साधु संत, अखाड़ों के महामंडलेश्वर और समाज के हर वर्ग के लिए उज्जैन का विकास होगा. यह बात मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही. यह कार्य उज्जैन विकास प्राधिकरण के माध्यम होगा. सीएम कहा कि हरिद्वार की तर्ज पर धार्मिक नगरी उज्जैन को साधु संत और अखाड़ों के महामंडलेश्वर व समाज के हर वर्ग के लिए विकसित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री बोले कि नगरी में परमानेंट आश्रम बनाएंगे. उसके बाद समाज के हर वर्ग के लिए धर्मशाला की योजना भी लाएंगे. 12 साल में एक बार जो सिंहस्थ पर्व उज्जैन में होता है उसमें समाज के हर वर्ग को व साधु संतों महामंडलेश्वर की सुविधा के लिए सरकार कदम उठाएगी. साधु संतों को कथा करने के लिए जमीन पंडाल की जरूरत होती है. हरिद्वार में सभी साधु संतों के पास अच्छे आश्रम पर्याप्त जगह है.
अखाड़ों के लिए करेंगे परमानेंट व्यवस्था
सीएम ने आगे कहा कि हम साधु संत, सभी अखाड़ों के महामंडलेश्वरों को आमंत्रित कर उनके लिए परमानेंट व्यवस्था करेंगे. बारिश में कीचड़ व अन्य समस्या होती है उससे निजात दिलाने व अन्य बातों को ध्यान में रखा गया है. जनप्रतिनिधियों के माध्यम से इस योजना को बनाया गया है. वर्ष 2028 का जो सिंहस्थ है उससे पूर्व परमानेंट इंफ्रास्ट्रक्चर पुल, पुलिया और फोरलेन रोड बनाई जाएंगी.
हर समाज के लिए होगा धर्मशाला का निर्माण
सीएम ने कहा कि उज्जैन में हर समाज के लिए धर्मशाला का निर्माण किया जाएगा, जिससे दूर दराज से आने वाले लोग को रुकने में कोई परेशानी नहीं हो. समान रूप से गुंजाइश दी जाएगी. उज्जैन में हर वर्ग आता है. समाज का कोई भी व्यक्ति अपनी अपनी गतिविधियों को संचालित कर सकेगा. सभी देव स्थानों के धर्माचार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी. निर्माण की परमिशन 5 बीघा भूखंड में 4 बीघा खुला एरिया रखना होगा और 1 बीघा में निर्माण किया जा सकेगा. सिर्फ संत, अखाड़े के महामंडल के लिए कमर्शियल के लिए छूट नहीं रहेगी निजी उपयोग कोई नहीं कर सकेगा. उज्जैन में हर साल 5 करोड़ से अधीक तीर्थयात्री आते हैं.