MP Weather : मध्य प्रदेश में मानसून के आगमन में अब केवल तीन से चार दिन ही बाकी हैं। इसके पहले प्री-मानसून गतिविधियां तेज हो गई हैं। शुक्रवार को गुना, शिवपुरी और अशोकनगर में भारी बारिश हुई, जबकि गुना में एक घंटे तक जोरदार पानी गिरा। इंदौर और खंडवा सहित अन्य कुछ जिलों में भी बारिश हुई।
मध्य प्रदेश में तेज आंधी-बारिश के बीच भीषण गर्मी का असर देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को प्रदेश के कई शहरों में पारा 40 डिग्री के से ऊपर ही रहा। टीकमगढ़, नरसिंहपुर, गुना, सतना, रीवा, सीधी, शिवपुरी, उमरिया, सागर, रतलाम, शाजापुर, खरगोन और खंडवा जैसे शहरों में भी तापमान 40 डिग्री या उससे अधिक दर्ज किया गया।
मप्र का तापमान: पांच शहरों का मौसम
मौसम विभाग के मुताबिक, सबसे गर्म छतरपुर जिले का खजुराहो रहा, जहां का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, ग्वालियर में 44.5 डिग्री, नर्मदापुरम में 44.4 डिग्री और नौगांव में 44 डिग्री सेल्सियस पारा दर्ज किया गया।
प्रदेश के 5 बड़े शहरों में ग्वालियर में 44.5 डिग्री, भोपाल में 40 डिग्री, इंदौर में 38.2 डिग्री, उज्जैन में 41.8 डिग्री और जबलपुर में 40.8 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा।
शुक्रवार को प्रदेश में सबसे कम तापमान 20.4 डिग्री सेल्सियस पचमढ़ी में रिकॉर्ड किया गया जबकि दिन का अधिकतम तापमान 45.0 डिग्री सेल्सियस खजुराहो में दर्ज किया गया।
ओरछा की अच्छी रही हवा
मध्य प्रदेश की हवा में इन दिनों बदलाव देखने को मिल रहा है। मध्य प्रदेश के शहर ओरछा की हवा प्रदेश के अच्छी हवा वाले शहरों में शामिल हो गई है। वहीं उज्जैन शहर की हवा में काफी गिरावट देखने को मिली और यहां का एक्यूआई 136 दर्ज किया गया।
मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार ओरछा शहर की हवा सामान्य श्रेणी में रही जो प्रदेशभर में सबसे कम एक्यूआई दर्ज में सफल रही। यहां का एक्यूआई लेवल 81 दर्ज हुआ। अन्य बड़े जिलों की बात करें तो भोपाल में 127, इंदौर में 128 और ग्वालियर में 130 दर्ज हुई।
मध्य प्रदेश में मौसम का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के मुताबिक, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी राजस्थान और उनके आस-पास के क्षेत्रों में हवा के ऊपरी हिस्से में चक्रवात सक्रिय हैं। इन चक्रवातों के कारण गर्म हवाएं मध्य प्रदेश तक पहुंच रही हैं, जिससे गर्मी का असर बरकरार है।
बारिश की शुरुआत शनिवार से होने की संभावना है। आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा पर बने चक्रवात और कर्नाटक तक फैली द्रोणिका के कारण मानसून की गति तेज हो सकती है। 14 जून से मानसून का प्रभाव बढ़ने की संभावना है, और 15 जून को इसके प्रदेश में प्रवेश की उम्मीद है।
18 जून तक मानसून की एंट्री
दक्षिण-पश्चिम मानसून अभी स्थिर बना हुआ है। वहीं, दक्षिणी ओडिशा और आंध्र प्रदेश के पास बने चक्रवात ने दिशा बदलते हुए तेलंगाना और कर्नाटक की ओर रुख कर लिया है। इसके अलावा, कर्नाटक से आंध्र प्रदेश के उत्तरी तट तक एक द्रोणिका भी सक्रिय है।
इन मौसम प्रणालियों के प्रभाव से मानसून 15-16 जून के बाद आगे बढ़ सकता है। इसी कारण, शनिवार से मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, उज्जैन, और नर्मदापुरम संभाग के जिलों में बारिश की संभावना बढ़ गई है। प्रदेश में मानसून का 18 जून तक प्रवेश होने की संभावना जताई जा रही है।