नकली बीज की शिकायत पर सख्त हुए कृषि मंत्री शिवराज, किसान के खेत में जाकर किया निरिक्षण, नया कानून बनाने का किया ऐलान

By Ashish Meena
July 7, 2025

Shivraj Singh Chouhan : मध्यप्रदेश में नकली बीजों के कारण किसान बर्बाद हो रहे हैं। उनकी बोवनी बेकार साबित हो रही है। महंगे बीज लेने के बावजूद खेतों में अंकुरण ही नहीं हो रहा। नकली बीजों के इस खेल से खुद देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान रूबरू हुए।

उन्हें जब बीजों की शिकायत की गई तो वे इसकी जांच करने एक किसान के खेत में ही पहुंच गए। यहां जब खेत की मिट्टी खोदकर बीज निकाल कर देखा तो उनकी आंखें खुली रह गईं। बीज में अंकुरण ही नहीं हुआ था। इस पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने नकली खाद बीजों पर और कड़े कानून बनाने की बात कही।

नकली खाद बीजों की वजह से प्रदेश के किसान सालों से परेशान हो रहे हैं। इससे उनकी फसलें बर्बाद होती आ रही हैं। खराब बीजों के कारण बोवनी बेकार चली जाती है। कई बार तो प्रभावित किसानों के पास इतना समय भी नहीं बचता है कि वे दोबारा बोवनी कर सकें। नकली खाद बीजों की अधिकारियों से लेकर मंत्री मुख्यमंत्री तक को शिकायतें की जा रहीं हैं।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष भी नकली खाद बीजों की शिकायतें पहुंची। रविवार को जब वे अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा के गंजबासौदा के दौरे पर पहुंचे तो किसानों ने इस संबंध में गुहार लगाई। इस पर शिवराज सिंह चौहान फौरन एक किसान के खेत में जांच करने पहुंच गए।

कृषि मंत्री ने खुद खेत की मिट्टी खोदी
कृषि मंत्री ने खुद खेत की मिट्टी खोदी। उसमें से बीज निकाल कर देखा तो शिवराज सिंह भी हैरान रह गए। बीज बोने के इतने दिनों बाद भी उसमें अंकुरण ही नहीं हुआ था। नकली बीजों की वजह से बोवनी खराब चली गई। देश के कृषि मंत्री के सामने ही हकीकत सामने आ चुकी थी। उन्होंने इस पर नाराजगी जताई।

कृषि मंत्री शिवराजसिंह चौहान ने नकली बीजों की जांच कराने की बात कही। उन्होंने अमानक बीज बनाने वाली कंपनी और सोसायटी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया। कृषि मंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अमानक खाद बीजों के खिलाफ नए और सख्त कानून बनाने की भी बात कही।

नया कानून बनाने का किया ऐलान
कृषि मंत्री ने कहा कि नकली बीजों की समस्या सुलझाने के लिए नया कानून बनाया जाएगा। इस कानून के तहत उन कंपनियों और सोसायटियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, जो अमानक बीज तैयार करती हैं। इस कदम से किसानों का हक बचाया जाएगा और कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी।

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