भोपाल गैस कांड के 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड कारखाने का 337 टन जहरीला कचरा गुरुवार की सुबह इंदौर के पास स्थित पीथमपुर की एक इंडस्ट्रियल वेस्ट डिपोजिट यूनिट में पहुंचा दिया गया। लोगों की मांग है कि इस कचरे के निपटान की व्यवस्था पीथमपुर से हटाकर कहीं और की जाए।
जहरीला कचरा लाने के विरोध में पीथमपुर में जबरदस्त हंगामा हो गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हजारों की तादाद में लोग सड़क पर उतर आए हैं और बेकाबू पब्लिक को संभालने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा है।
आंदोलन कर रहे राजू पटेल और राजकुमार रघुवंशी ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक इलाज के बाद दोनों को प्राइवेट वाहन से इंदौर के निजी अस्पताल भेजा गया है। इससे भड़के आंदोलनकारी रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज जाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस ने बैरिकेडिंग करके उन्हें रोक लिया है।
Also Read – कर्ज के साथ नए साल की शुरुआत, मध्यप्रदेश सरकार ने फिर लिया इतने हजार करोड़ का कर्ज
एसडीएम प्रमोद कुमार गुर्जर और धार एडिशनल एसपी इंद्रजीत बगलवार प्रदर्शनकारियों से बात कर रहे हैं। एसडीएम गुर्जर ने कहा- हम लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि कचरे को जलाने की प्रोसेस साइंटिफिक तरीके से हो रही है। लोगों से अपील है कि शांति बनाए रखें और प्रशासन का सहयोग करें।
बस स्टैंड पर प्रदर्शन के चलते धार से आने-जाने वाले वाहनों को महेंद्रा ब्रिज होते हुए पावर हाउस चौराहे से डायवर्ट किया गया है।
उधर, पीथमपुर बचाओ समिति के सदस्य भी दिल्ली से लौटकर प्रदर्शन स्थल पहुंच गए हैं। वहीं, गुरुवार से अनशन पर बैठे किसान संदीप रघुवंशी ने कहा है कि जहरीला कचरा यहां से वापस जाने तक अनशन जारी रहेगा।
धरना स्थल पर बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद
पीथमपुर के बस स्टैंड पर चल रहे धरना-प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद हैं। यहां सभी दलों के नेता एक-एक कर लोगों को संबोधित कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारी बेकाबू, नारेबाजी तेज
युवकों के आत्मदाह की कोशिश के बाद धरना स्थल पर मौजूद प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन तेज कर दिया है। वे सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारे लगा रहे हैं।