HMPV Virus In MP: मध्यप्रदेश में HMPV वायरस के संक्रमण का खौफ बढ़ता ही जा रहा है। देशभर में अब तक आधा दर्जन से ज्यादा HMPV के मरीज सामने आए हैं। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जबलपुर और आसपास के जिलों में अलर्ट जारी किया है।
स्वास्थ्य विभाग की सभी इकाइयों को पूरे ऐहतियात बरतने के निर्देश दिए गए है। सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ वाले मरीजों को जरूरत के हिसाब से आइशोलेशन में रखने की बात कही है। कोरोना संक्रमण की तरह ही HMPV के लक्षण है।
स्वास्थ्य विभाग ने इस तरह के सिम्टम्स आने पर घरों पर ही रहने की अपील की है। भीड़भाड़ और सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचने की सलाह दी है।
बताया कि हवा के कॉन्टेक्ट में आने से HMPV संक्रमण और फैलता है। संक्रमण को लेकर जल्द हेल्थ गाइडलाइन जारी हो सकती है। जानकारी डॉ संजय मिश्रा, रीजनल डायरेक्टर, हेल्थ ने दी है।
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ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) देखते ही देखते कई देशों में फैलता जा रहा है। चीन से शुरू हुआ संक्रमण यूएस-मलेशिया के बाद अब भारत में भी पहुंच गया है। छह दिसंबर (सोमवार) को सबसे पहले कर्नाटक में संक्रमण का पहला मामला रिपोर्ट किया गया।
24 घंटे के भीतर ही ये तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र में भी पहुंच गया। जिस गति से एचएमपीवी बढ़ रहा है उसने लोगों को ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या कोरोना के बाद अब एचएमपीवी के कारण एक बार फिर से हालात बिगड़ने वाले हैं?
ये सवाल इसलिए भी मजबूत हो जाता है क्योंकि चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस संक्रमण को लेकर जो खबरें और वीडियो सामने आए उसमें अस्पतालों-श्मशान घाटों पर उसी तरह की भीड़ देखी गई जैसे कोरोना की दूसरी लहर के समय था। इसके अलावा मलेशिया में वैसे तो ये संक्रमण काफी पहले से है हालांकि साल 2024 में पिछले साल की तुलना में यहां संक्रमण के मामलों में 45 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है।
इन रिपोर्ट्स ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या फिर एक बार कोरोना जैसे हालात बन रहे हैं? आइए इस बारे में विस्तार से समझते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन के बाद अब ये वायरस कई अन्य देशों में भी फैल गया है।
स्ट्रेट टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मलेशिया में 2024 में 327 मामले दर्ज किए गए, जो 2023 में 225 मामलों से 45% अधिक है। मलेशियाई स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से बार-बार हाथ धोने, मास्क पहनने और खांसते-छींकते समय मुंह और नाक को ढकने जैसे निवारक उपाय करने का आग्रह किया है।
अमर उजाला से बातचीत में अमेरिका में एचएमपीवी संक्रमितों का इलाज कर रहे फिजिशियन डॉ रविंद्र गोडसे ने बताया कि अमेरिका में कुछ लोगों में संक्रमण की पुष्टि की गई है हालांकि ज्यादातर लोग आसानी से ठीक हो रहे हैं इसलिए ज्यादा चिंता की जरूरत नहीं है।
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कोरोना से मिलते-जुलते लक्षण पर कोरोना जैसा नहीं
कोरोना के मामले भले ही अब काफी कंट्रोल में हैं पर दूसरी लहर के दौरान की स्थितियां अब भी लोगों के मन में बसी हुई हैं। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के लक्षण और जटिलताएं चूंकि काफी हद तक कोरोना से मिलते-जुलते हैं इसलिए एक बार फिर से लोगों में डर देखा जा रहा है।
हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी लोगों को आश्वसत किया है कि एचएमपीवी से डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। ये श्वसन तंत्र को भले ही प्रभावित करने वाली समस्या है पर इसके कारण कोरोना जैसी गंभीरता का खतरा नहीं है।
एचएमपीवी के ज्यादातर संक्रमितों में फ्लू जैसे लक्षण होते हैं, कुछ लोगों में इसके कारण अस्थमा या ब्रोंकाइटिस के मामले जरूर ट्रिगर हो सकते हैं। कोरोना संक्रमण की स्थिति में भी लक्षण इसी से मिलते-जुलते देखे गए थे।
क्या फिर बनेगी लॉकडाउन जैसी स्थिति?
डॉक्टर कहते हैं, चीन की स्थिति को देखकर लोगों को भले ही डर लग रहा हो, वहां काफी तेजी से संक्रमण के मामले बढ़े हैं, पर वहां की स्थिति काफी अलग है जिसकी अन्य देशों से तुलना नहीं की जानी चाहिए।
चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के बढ़ने और बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करने का मुख्य कारण वहां कोविड के दौरान लागू की गई ‘जीरो-कोविड पॉलिसी’ है। वहां मार्च 2020 में लॉकडाउन लगा जो बड़ी सख्ती के साथ दिसंबर 2023 तक चलता रहा।
इस दौरान जन्म लेने वाले बच्चे न तो स्कूल गए, न ही उनका दूसरे लोगों से मिलना-जुलना या संपर्क ज्यादा हुआ। यही वजह रही कि ऐसे बच्चों में प्राकृतिक इम्युनिटी विकसित ही नहीं हो पाई। इस वजह से वहां बच्चे इन नए म्यूटेटेड वायरस से अधिक प्रभावित देखे जा रहे हैं।
जबकि अन्य देशों में बच्चों में श्वसन रोगों को लेकर हर्ड इम्युनिटी बन चुकी है, ऐसे में और कहीं चीन जैसे हालात होंगे इसकी आशंका कम है। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के कारण लॉकडाउन की आशंका नहीं है।
इस वायरस से कितना डरने की जरूरत?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, भारत में न तो एचएमपीवी का ज्यादा खतरा है और न ही इससे बचाव के लिए कोई बहुत खास उपाय की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने संक्रमण से बचाव के लिए हाथों की स्वच्छता, सतहों को छूने से बचने और इम्युनिटी बढ़ाने के प्रयास करने की सलाह दी है। जिन लोगों को पहले से कोमोरबिडिटी है या किसी गंभीर रोग का शिकार रहे हैं जिसने इम्युनिटी बहुत बिगाड़ दिया है उन्हें मास्क लगाने और सामाजिक दूर का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।