FIR Rahul Gandhi : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ गुवाहाटी के पान बाजार पुलिस स्टेशन में शनिवार को FIR दर्ज की गई है। आरोप है कि राहुल ने भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले बयान दिए। BNS की धारा 152 के तहत इसे गैर जमानती अपराध की कैटेगरी में रखा गया है।
शिकायतकर्ता गुवाहाटी हाईकोर्ट के वकील मोनजीत चेतिया ने कहा कि राहुल के बयान ने भाषण की सीमाओं को पार कर लिया, जिससे देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है। एक ऐसे व्यक्ति का सार्वजनिक मंच से दिया गया बयान, जो विपक्ष का नेता भी है, कोई साधारण राजनीतिक टिप्पणी नहीं है।
दरअसल, राहुल ने 15 जनवरी को कांग्रेस पार्टी मुख्यालय के उद्घाटन में कहा था कि भाजपा, RSS ने हर संस्था पर कब्जा कर लिया है। अब हम BJP-RSS और इंडियन स्टेट से लड़ रहे हैं। राहुल के बयान पर हिंदू सेना ने भी दिल्ली पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी थी, जिसमें लिखा था कि राहुल देश विरोधी बयान के लिए उन पर एक्शन लिया जाए।
शिकायतकर्ता का दावा- राहुल का बयान चुनावी हताशा
राहुल गांधी की यह टिप्पणी बार-बार चुनावों में मिल रही हार की हताशा से प्रेरित थी। विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल पर लोकतांत्रिक संस्थाओं में जनता का विश्वास बनाए रखने की जिम्मेदारी है, लेकिन वे झूठ फैलाने और विद्रोह भड़काने का काम कर रहे हैं। लोकतांत्रिक तरीकों से जनता का विश्वास हासिल करने में नाकामयाब होने के बाद, वे अब केंद्र सरकार और भारतीय राज्य के खिलाफ असंतोष भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।
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मोहन भागवत के बयान पर रिएक्शन दे रहे थे राहुल
मोहन भागवत ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि को ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाने का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा था कि इस दिन देश को सच्ची स्वतंत्रता मिली, क्योंकि यह सदियों से दुश्मनों के आक्रमण झेलने वाले भारत के ‘स्व’ (स्वतंत्रता) की पुनर्स्थापना का प्रतीक है। इसी बयान पर राहुल ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी और RSS ने हर एक संस्थान पर कब्जा कर लिया है, और अब हम भाजपा, आरएसएस और भारतीय राज्य से ही लड़ रहे हैं।
खड़गे ने कहा था- भागवत का घूमना-फिरना मुश्किल हो जाएगा
भागवत के बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी निशाना साधा था। उन्होंने 15 जनवरी को कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन के बाद कहा था, “मैंने पेपर में पढ़ा कि मोहन भागवत ने कहा कि सच्ची स्वतंत्रता तब मिली जब राम मंदिर बना।
PM मोदी और उन्होंने मिलकर राम मंदिर उद्घाटन किया। मोदी समझते हैं कि उन्हें 2014 में आजादी मिली क्योंकि वो प्रधानमंत्री बने थे। RSS के लोग राम मंदिर बनने के दिन को आजादी का दिन मानते हैं। ये शर्म की बात है।